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श्रावण सोमवार का शुभारंभ कल से

               श्रावण सोमवार का शुभारंभकल से : क्या करें, क्या ना करें


इस वर्ष सावन का पवित्र महीना आज 25 जुलाई रविवार को "श्रवण नक्षत्र" एवं "आयुष्मान योग" से शुरू हो चुका है जो 22 अगस्त तक रहेगा। श्रावण मास में श्रवण नक्षत्र अति शुभ फल देने वाला होता है।श्रावण मास में बैंगन , दूध आदि का सेवन नहीं करना चाहिये। भगवान शिव की पूजा के दौरान हल्दी का भी प्रयोग नहीं करना चाहिये। 

रूद्र का अभिषेक करें

सावन में रूद्र का अभिषेक करने से सभी देवों का भी अभिषेक करने का फल उसी क्षण मिल जाता है। रुद्राभिषेक में सृष्टि की समस्त मनोकामनायें पूर्ण करने की शक्ति है अतः अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करके प्राणी इच्छित फल प्राप्त कर सकता है। 

कैसे करें अभिषेक

यजुर्वेद में भगवान शिव का अभिषेक करने का फल बताया गया है।गन्ने के रस से शीघ्र विवाह श्री एवं धन प्राप्ति , शहद कर्जमुक्ति एवं पूर्ण पति का सुख , दही से पशुधन की वृद्धि , कुश एवं जल से आरोग्य शरीर , मिश्री एवं दूध से उत्तम विद्या प्राप्ति , कच्चे दूध से पुत्र सुख और गाय के घी द्वारा रुद्राभिषेक करने पर सर्वकामना पूर्ण होती है। भगवान रूद्र को भस्म , लाल चंदन ,रुद्राक्ष , आक का फूल , धतूरा फल , बिल्व पत्र और भांग विशेष रूप से प्रिय हैं अतः इन्ही पदार्थों से श्रावण सोमवार को शिवपूजन करना चाहिये।
 

कौन से मंत्र का जाप करें

भगवान शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिये महामृत्युंजय मंत्र सबसे प्रभावशाली मंत्र है , इस मंत्र का जाप करना फलदायी होता है। इसके अलावा शिव के इस अत्यधिक प्रिय श्रावण मास में शिव सहस्त्रनाम ,रुद्राभिषेक , शिवम हिमन्न स्त्रोत , महामृत्युंजय सहस्त्र नाम आदि मंत्रों का व्यक्ति जितना अधिक जाप कर सके उतना ही श्रेष्ठ होता है। सावन के महीने में आने वाले सोमवार व्रत का भी बहुत महत्व होता है। 
इस वर्ष पूरे सावन महीने में चार श्रावण सोमवार पड़ रहे हैं , जिसमें पहला सोमवार कल 26 जुलाई को , दूसरा सोमवार-  02 अगस्त को , तीसरा सोमवार- 09 अगस्त को और श्रावण मास की चौथा एवं अंतिम सोमवार- 16 अगस्त को पड़ेगा।
  :--अरविन्द तिवारी          

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