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बच्चों में फैल रहा कोरोना…सीरो सर्वे में मुंबई के 50% बच्चों में संक्रमण मिला

 मुंबई . यहां के 50 फीसदी बच्चों में कोरोना एंटीबॉडी पाई गई है। बीएमसी के सीरो सर्वे में ये खुलासा हुआ है। यह बीएमसी (Brihanmumbai Municipal Corporation) का चौथा सीरो सर्वे था। इसके लिए 1 अप्रैल से 15 जून तक सैंपल लिए गए थे।

तीसरी लहर में कोरोना का खतरा कम

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन बच्चों में एंटीबॉडी मिली है वे कभी न कभी कोरोना से संक्रमित रह चुके हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह एक राहत वाली बात भी है। एंटीबॉडी बन जाने के कारण तीसरी लहर के दौरान इन बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो गया है। सर्वे के मुताबिक, 10 से 14 साल के 53.43% बच्चे संक्रमित हुए हैं।

2,176 नमूनों की जांच की गई

इस सीरो सर्वे का सैंपल टेस्ट, नायर अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के लैब में किया गया। 2176 नमूने जांच के लिए लिए गए थे। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के 50 फीसदी बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की इस लहर में 10 से 14 साल की उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं, जिनका आंकड़ा 53.43 फीसदी है. वहीं 1 से 4 साल की उम्र के बच्चों में 51.04 फीसदी, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33 फीसदी और 15 से 18 साल के बच्चों में 51.39 फीसदी है। यानी कि औसतन 1 से 18 साल के बच्चों में 51.18 फीसदी कोरोना संक्रमण हो चुका है।

सीरो सर्वे  क्या होता है
सीरो सर्वे सेरोलॉजी टेस्ट से होता है। इसमें ब्लड सैम्पल लेकर टेस्ट होता है। किसी खास इन्फेक्शन के खिलाफ बनी एंटीबॉडी की जांच होती है। जब भी कोई वायरस आपके शरीर में आता है, तो शरीर का इम्यून सिस्टम उस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। ये एंटीबॉडी करीब एक महीने तक आपके ब्लड में रहती है।सीधा-सा मतलब है कि अगर आपके शरीर में एंटीबॉडी बनी है तो इसका मतलब है कि हाल ही में आप वायरस से इन्फेक्ट हुए थे।

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