मुंबई. क्षत्रप नेता शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस बातचीत का नतीजा ये दिख रहा है कि अब पश्चिम बंगाल के बाद महाराष्ट्र में भी भाजपा को बड़ा झटका देने की तैयारी है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया है कि भाजपा के कई नेता शरद पवार के संपर्क में हैं और वे एनसीपी में शामिल होना चाहते हैं। इनमें से ज्यादातर नेता वे हैं जो कई सालों पहले कांग्रेस और एनसीपी छोड़ कर भाजपा में चले गए थे।
एक टीवी चैनल को को दिए इंटरव्यू में मलिक ने कहा है कि मराठवाड़ा के कई भाजपा विधायक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि जो नेता कई साल पहले कांग्रेस और एनसीपी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे, वे भी शरद पवार के संपर्क में हैं और फिर से एनसीपी में शामिल हो चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल की तर्ज पर चाहते हैं वापसी
नवाब मलिक ने दावा किया कि जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में भाजपा के कुछ नेता वापस से टीएमसी में जा रहे हैं, उसी प्रकार महाराष्ट्र में कुछ विधायक भी संपर्क में हैं जो कांग्रेस और एनसीपी को छोड़कर भाजपा में चले गए थे। महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं को डर है कि कहीं ऐसे विधायक उन्हें छोड़कर चले ना जाएं इसलिए वे उध्दव ठाकरे की अगुवाई में चल रही महाविकास अघाड़ी की सरकार के खिलाफ तथ्यहीन बयान देते रहते हैं।
22 से ज्यादा विधायक पवार के संपर्क में
मलिक ने कहा कि 22 से अधिक ऐसे विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले या उससे भी कई साल पहले कांग्रेस और एनसीपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। आगे उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल हुए विधायकों को अब यह डर लग रहा है कि जिस तरह का समीकरण महाराष्ट्र में है, उसमें भाजपा अपनी ताकत ख़ड़ी नहीं कर सकती है, इसलिए वे शरद पवार के लगातार संपर्क में हैं। इनमें से कुछ विधायक पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के भी हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मंत्री रहे एक नेता ने भी एनसीपी नेता अजित पवार से मुलाक़ात की।
भाजपा में संतुष्ट नहीं हैं विधायक
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी से गए विधायक भाजपा में संतुष्ट नहीं हैं और वे वापस लौटना चाहते हैं। मगर अभी तक उन नेताओं को वापस लाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। लेकिन इस मुद्दे को लेकर भविष्य में चर्चा हो सकती है।