Type Here to Get Search Results !

महाराष्ट्र में तीसरी लहर होगी खतरनाक…. रंग बदल रहा है कोरोना

 

मुंबई/ नई दिल्ली . वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि महाराष्ट्र  में कोरोना वायरस 47 बार अपना रुप बदल चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तीसरी लहर और भी अधिक घातक हो सकती है क्योंकि वायरस में म्यूटेशन तेजी से हो रहे हैं।महाराष्ट्र पर किए गए अध्ययन में जानकारी मिली कि तीन महीने के दौरान वहां अलग अलग जिलों के लोगों में नए-नए वैरिएंट पाए गए हैं। वैज्ञानिकों को अंदेशा यह भी है कि प्लाज्मा, रेमडेसिविर और स्टेरॉयड युक्त दवाओं के जमकर हुए इस्तेमाल की वजह से म्यूटेशन को बढ़ावा मिला है। इसीलिए दूसरे राज्यों में भी सिक्वेसिंग को बढ़ाने की जरूरत है।  पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के इस संयुक्त अध्ययन में महाराष्ट्र की जिलेवार स्थिति को शामिल किया है क्योंकि देश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का असर पिछले एक साल में इसी राज्य में सबसे ज्यादा है। 

54 देशों में मिल चुका है बी.1.617 वैरिएंट 

 वैज्ञानिकों  ने कहा कि वायरस में लगातार होते म्यूटेशन और संक्रमण के बढ़ने से एक गंभीर स्थिति का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। वहीं एनसीडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बी.1.617 वैरिएंट अब तक 54 देशों में मिल चुका है। इसी के एक अन्य म्यूटेशन को डेल्टा वैरिएंट नाम डब्ल्यूएचओ ने दिया है। हालांकि भारत में दूसरी लहर के दौरान स्थानीय स्तर पर हो रहे म्यूटेशन को लेकर और अधिक जीनोम सिक्वेसिंग की आवश्यकता है ताकि गंभीर म्यूटेशन (वीओसी) का पता चल सके।

ये है  वैज्ञानिकों की रिपोर्ट

इस साल कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी जहां जनवरी माह में ही कई जिलों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे थे। नवंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक 733 सैंपल को एकत्रित कर जीनोम सिक्वेसिंग की गई ताकि पता चले कि वायरस के कौन कौन से वैरिएंट फैल रहे हैं? हैरानी तब हुई जब वैज्ञानिकों ने एक के बाद एक सभी सैंपल में 47 बार वायरस के म्यूटेशन देखे। इससे पहले देश में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला। हालांकि इटली, फ्रांस, यूके और अमेरिका को देखते हुए इसका अंदेशा जरूर था। 733 में से 598 सैंपल की सिक्वेसिंग में जब वैज्ञानिकों को कामयाबी मिली तो पता चला कि इसमें डेल्टा वैरिएंट के अलावा भी बहुत से वैरिएंट महाराष्ट्र के लोगों में फैल रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच चुके हैं।

जांच में ये वैरिएंट आए हैं सामने

अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों को हैरानी तब हुई जब 273 सैंपल में बी. 1.617, 73 में बी.1.36.29, 67 में बी.1.1.306, 31 में बी.1.1.7, 24 में बी.1.1.216, 17 में बी.1.596 और 15 सैंपल में बी.1.1 वैरिएंट मिला। इनके अलावा 17 लोगों के सैंपल में बी.1 और बी.1.36 वैरिएंट 12 लोगों के सैंपल में मिला है। इनके अलावा और भी कई म्यूटेशन जांच में मिले हैं जिन पर अध्ययन चल रहे हैं।

महाराष्ट्र के पश्चिमी जिलों में असर

अध्ययन में पता चला है कि पश्चिमी महाराष्ट्र के जिले पुणे, मुंबई, ठाणे और नाशिक में कोरोना वायरस के कई वंश घूम रहे हैं। जबकि इससे पहले पूर्वी महाराष्ट्र के जिले बी.1.617 वंश सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा था।  पुणे, थाणे, औरंगाबाद सहित पश्चिमी राज्य में डेल्टा वैरिएंट के अलग अलग म्यूटेशन मिले हैं। ज्यादातर म्यूटेशन स्पाइक और आरबीडी के भीतर संरचना में हुए हैं लेकिन इसी साल फरवरी माह के बाद से यह म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन और आरबीडी संरचना के बाहर भी देखने को मिले हैं जोकि सीधे तौर पर गंभीरता की ओर इशारा करता है।

Source:https://www.amarujala.com/india-news/amar-ujala-special-lot-of-new-variants-found 


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.