मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग के बाद महाराष्ट्र में सियासी कयासबाजी शुरू हो चुकी है। गुरूवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पार्टी के 22वें स्थापना दिवस पर उध्दव ठाकरे को याद दिलाया कि कैसे बालासाहेब ठाकरे अपने जुबान के पक्के थे।
उन्होंने कहा, “1977 में जब पूरा राजनीतिक परिदृश्य इंदिरा गांधी के खिलाफ था, एक व्यक्ति था जो उनके साथ खड़ा था, और वह थे बाल ठाकरे। उन्होंने उनसे वादा किया कि वह उनकी पार्टी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, और वह अपनी बात पर कायम रहे। इसी तरह सत्ता में शिवसेना हमारे साथ है। जो लोग उस बैठक के बाद शिवसेना के रुख में बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं, वे अलग दुनिया में रह रहे हैं।”पवार ने कहा, “ठाकरे-मोदी की मुलाकात के बाद बातचीत के बावजूद, हमें विश्वास है कि हमारी सरकार 5 साल तक चलेगी। हम आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी लोगों की बेहतरी के लिए काम करना जारी रखेंगे।” आपको बता दें कि बैठक के बाद शरद पवार की यह पहली प्रतिक्रिया है। बयान को उध्दव को क्लीन चिट और अपनी बात रखने की याद, दोनों के रूप में देखा जा रहा है।
मोदी तो देश के टॉप नेता हैं : राउत
इधर जलगांव में दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और बीजेपी के टॉप नेता हैं। दरअसल राउत से पूछा गया था कि मीडिया में खबरें आई हैं कि आरएसएस राज्यों के चुनावों में राज्य के नेताओं को चेहरे के रूप में पेश करने पर विचार कर रहा है। ऐसे में क्या उन्हें लगता है कि मोदी की लोकप्रियता कम हुई है।
इस सवाल पर राउत ने कहा, ‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता...मैंने मीडिया में आईं खबरें नहीं देखीं हैं। इस बारे में कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है... पिछले सात साल में बीजेपी की सफलता का श्रेय मोदी को जाता है। वह अभी देश और अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं।’ शिवसेना के राज्य सभा सदस्य राउत फिलहाल उत्तर महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। उन्होंने जलगांव में पत्रकारों से यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिवसेना का हमेशा से मानना रहा है कि प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, किसी एक पार्टी के नहीं।