केंद्र के भरोसे नहीं रहना
हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से पूछा था कि क्या इसके लिए केंद्र की मंजूरी की जरूरत है? क्योंकि घरेलू टीकाकरण पर राज्य सरकार का पांच सूत्रीय कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। क्या केरल, बिहार, झारखंड को मिली अनुमति? कोर्ट ने इस तरह के सवाल पूछकर अंतिम चरण में नाम वापस लेने में राज्य सरकार की भूमिका पर नाराजगी जताई थी। बुधवार को नए सिरे से भूमिका स्पष्ट करने का भी आदेश दिया।
उसके बाद राज्य सरकार ने आज मुंबई हाईकोर्ट में कहा है कि वह केंद्र की अनुमति का इंतजार नहीं करेगी। राज्य सरकार ने कहा है कि वह केंद्र की अनुमति के बिना घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। कुंभकोणी ने बताया, ‘हम घर जा कर टीकाकरण शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र के पास नहीं भेजेंगे। हम (राज्य सरकार) अपना फैसला खुद लेंगे। हम पुणे जिले में प्रयोग के आधार पर इस (घर-घर जाकर टीकाकरण करने की) संभावना को देखेंगे।’
हाईकोर्ट दो वकीलों धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार को 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर से उठ नहीं सकने वाले लोगों के लिए घर-घर टीकाकरण शुरू करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।