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8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों में होगी 5 भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई

 अरविंद तिवारी/एजेंसी.नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक साल पूरे होने पर कहा कि नई शिक्षा नीति के जरिए नए भविष्य का निर्माण होगा। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े फैक्टर्स में से एक है। 

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। इंजीनियरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी डेवलप किया जा चुका है। 

पीएम मोदी की 6 बड़ी बातें

  • आज देश में 3 लाख से भी ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिनको शिक्षा के लिए सांकेतिक भाषा की आवश्यकता पड़ती है। इसे समझते हुए भारतीय साइन लैंग्वेज को एक भाषा विषय, एक सब्जेक्ट का दर्जा प्रदान किया गया है। 
  • देश के 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज पांच भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।

  • क्षेत्रीय भाषा में अपनी पढ़ाई शुरू करने से सबसे बड़ा लाभ देश के गरीबों को होगा। मातृभाषा में पढ़ाई से गरीब बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। उनकी प्रतिभा के साथ न्याय होगा। 

  • प्ले स्कूल का जो कांसेप्ट अभी तक बड़े शहरों में तक सीमित है। एनईपी के तहत 'विद्या प्रवेश' कार्यक्रम के जरिए वह अब गांव- गांव तक जाएगा। 

  • हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में कैसी शिक्षा दे रहे हैं। 

  • कोरोना काल में इतनी बड़ी चुनौती आई। छात्रों की पढ़ाई, जीवन का ढंग बदल गया। लेकिन देश के विद्यार्थियों ने तेजी से इस बदलाव को स्वीकार किया। ऑनलाइन एजुकेशन अब एक चलन बनता जा रहा है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला (एनडीईएआर) और राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) को लॉन्च किया। 

उन्होंने इस कार्यक्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का शुभारंभ भी किया जो उच्च शिक्षा में छात्रों के लिये कई प्रवेश और निकास का विकल्प प्रदान करेगा। 

इसके साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए दिशानिर्देश भी जारी किये। 

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