संजय तिवारी और राजनारायण सोनी की जोड़ी सरकार पर भारी, इनपर कार्यवाही से बच रही है प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी
15 करोड़ रुपए का नया घोटाला
फर्जी बैंक गारंटी से चलवाई दुकान
78 लाख की नहीं जमा कराई धरोहर राशि
झारखंड का ठेकेदार भागा ठेका छोड़कर लेकिन कोई कार्यवाही नहीं
व्यक्तिगत लाभ लेकर सरकार को 15 करोड़ का लगाया चूना
कलेक्टर को बिना बताए बैक डेट में जारी किया नोटिस
सिटी टुडे। मप्र आबकारी विभाग के इंदौर डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर राजनारायण सोनी ने पहले तो झारखंड से फर्जी ठेकेदार को बुलाकर एमआईजी समूह की दुकानें फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दी, दुकान की 78 लाख रुपए न तो धरोहर राशि जमा करवाई और न ही दुकान की बैंक गारंटी को सत्यापित कराया गया। इनको व्यक्तिगत लाभ देकर ठेकेदार द्वारा 3 महीने तो दुकान चलाई गई और ठेकेदार 20 करोड़ की कमाई करके भाग गया तथा सरकार के खाते में ₹ 15 करोड़ की बकाया छोड़ गया।
डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी का मुख्यालय इंदौर में है और राज नारायण सोनी ने बिना कलेक्टर को बताए इस घटना का बैक डेट में नोटिस जारी किया है। कलेक्टर को यह भी नहीं बताया गया कि जो बैंक गारंटी आबकारी विभाग ने ली है वह भी फर्जी है और उसका सत्यापन तक नहीं कराया गया है। परिणाम स्वरूप दुकान में दोबारा नीलामी कराई गई और 15 करोड़ की राशि बकाया निकली।
संजय तिवारी डिप्टी कमिश्नर ने जबलपुर में पोस्टिंग के समय भी बिना बैंक गारंटी लेकर ठेका देने की कार्रवाई की थी जिसपर तत्कालीन प्रमुख सचिव जी पी सिंघल एवं एपी श्रीवास्तव ने विभागीय जांच की थी तथा कठोर दंड प्रस्तावित किया था।
वर्तमान प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी इंदौर संभाग के अधिकारियों पर कार्यवाही से बचती रही है इंदौर संभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी के उच्च संबंधों के कारण संभाग के किसी अधिकारी पर कभी कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि बिना किसी गलती के भी वरिष्ठ अधिकारियों को आबकारी मुख्यालय में विगत 2 सालों से जमा किया जा रहा है। आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने अधिकारियों के स्थानांतरण को एक अवसर के तहत देखकर मनपसंद अधिकारियों की पोस्टिंग करते रहे पर कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया की इंदौर संभाग में डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी के अधीन अधीनस्थ क्या क्या कर रहे हैं।
संजय तिवारी डिप्टी कमिश्नर के समय पर एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के द्वारा केडिया फैक्ट्री में कोरोना काल के समय रेड की गई तथा पाया गया था कि जब पूरा भारत लॉकडाउन था तब धार एवं खरगोन जिले की शराब फैक्ट्रियों से सैकड़ों ट्रक शराब इंदौर और गुजरात भेजी गई थी। प्रत्यक्ष प्रमाण के बाद तथा इंदौर संभाग के कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद भी संजय तिवारी और धार के असिस्टेंट कमिश्नर यशवंत धनोरा पर कोई भी कार्यवाही प्रमुख सचिव जी अथवा प्रदेश शासन ने नहीं की गई।
15 करोड की स्पष्ट लूट के बाद संभव है कि सरकार कार्रवाई करें अन्यथा इस बिंदु पर लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू सहित राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को शपथ पत्र में प्रमाण सहित शिकायत की गई है कि किस प्रकार से घोर लापरवाही एवं जानबूझकर व्यक्तिगत लाभ के लालच में डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी एवं असिस्टेंट कमिश्नर राज नारायण सोनी द्वारा सरकार के ₹15 करोड़ सरकारी खजाने से गायब किए गए।