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पोल खुली तो अवैध उत्खनन में लिप्त कम्पनी पर कार्रवाई तो की नहीं उसके उलट लहार SDOP और SDM का बचकाना बयान



सिटी टुडे, भिण्ड। भिण्ड जिले में स्थित सिंध नदी में बुधवार को अचानक से आई तेज बहाव में आधा सैकड़ा से अधिक ट्रक डंपर फंसने की खबरें मीडिया में चलाए जाने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार सुबह खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची जहां पर खनिज विभाग की टीम को 76 ट्रक एवं डंपर नदी के अंदर और बाहर खड़े मिले।ऐसी स्थिति में उत्खनन कम्पनी पर कार्रवाई तो क्या करनी थी उसके उलट लहार SDOP और SDM का बचकाना बयान इनकी छुपी मंशा को स्पष्ट करता है।खनिज विभाग की टीम द्वारा इन सभी वाहनों की जब्ती की कार्यवाही की जा रही है। लेकिन अवैध उत्खनन में लगी कंपनी शिवा कॉर्पोरेशन के मशीनों को जब्त न किए जाने से खनिज विभाग पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। दरअसल सिंध नदी से बड़े पैमाने पर रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की खबरें मीडिया द्वारा दिखाई जाती रही हैं। लेकिन उनपर कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति कर ली जाती है।

बीते दिनों भी पर्रायंच रेत खदान पर अवैध उत्खनन एवं परिवहन का मामला मीडिया द्वारा उठाया गया था। लेकिन प्रशासन द्वारा जांच टीम गठित कर किसी प्रकार के अवैध उत्खनन की बात से इंकार करते हुए कंपनी को क्लीन चिट दे दी गई थी। लेकिन बुधवार को हुई तेज बारिश ने अवैध उत्खनन एवं परिवहन की पोल खोल कर रख दी। एकाएक आए तेज पानी की धार में आधा सैकड़ा से अधिक ट्रक डंपर फंस गए जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए। मीडिया ने जब इसको दिखाया तब पुलिस प्रशासन हरकत में आया और रात को एक बजे दबिश दी जिसमें 14 वाहन सड़क किनारे खड़े मिले। जबकि 62 वाहन नदी के अंदर मिले। जिनको निकालने की कोशिश की जा रही है। सभी वाहनों को पुलिस अभिरक्षा में रखकर उनपर खनिज नियमों के तहत कार्यवाही की जायेगी। लेकिन इस दौरान सबसे बड़ी बात देखने को मिली वह यह है कि अवैध परिवहन में लगे वाहनों को तो जप्त किया जा रहा है लेकिन अवैध उत्खनन करने वाली कंपनी शिवा कॉरपोरेशन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, ना ही उसकी मशीनरी को जब्त किया गया है।वहीं इस मामले पर जब लहार एसडीओपी अवनीश बंसल से बात की तो उनका हास्यास्पद बयान सामने आया। जिस नदी की धार में रेत में वाहन फंसे थे उसे वह कीचड़ बता रहे हैं।

वहीं लहार एसडीएम आर.ए. प्रजापति का कहना है कि उनको अवैध उत्खनन की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस प्रशासन एवं माइनिंग की टीम ने रात को कार्यवाही कर 14 वाहनों को पकड़ा। जबकि सुबह एक बार फिर से मौके पर पहुंचे तो नदी में आए पानी के चलते वाहन दलदल में फंसे हुए थे।

अब इन बयानों से आप समझ सकते हैं कि बीच नदी में रेत में फंसे वाहनों को जब ये प्रशासनिक अधिकारी कीचड़ और दलदल में फंसा होना बता रहे हैं तो क्या इनसे शाषन द्वारा बनती कार्रवाई निष्पक्षता के साथ किए जाने की उम्मीद करना बेईमानी है जबकि अब तक अवैध उत्खनन में लिप्त इन वाहनों रेत में से निकलवाकर जब्त कर राजसात किया जाना था।

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