पुणे.यहां स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने अपने एक अध्ययन में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट मिलने की पुष्टि की है। इसे B.1.1.28.2 जीटा वेरिएंट नाम दिया गया है।
यहां से आया है नया वैरिएंट
मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी प्री-प्रिंट रिपोर्ट्स प्रकाशित करने वाली वेबसाइट bioRxiv पर छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वैरिएंट ब्रिटेन और ब्राज़ील से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नाक और गले के स्वैब से मिला है। ये वैरिएंट काफ़ी ख़तरनाक है।इस वैरिएंट को डिटेक्ट करने वालीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की वैज्ञानिक डॉक्टर प्रज्ञा यादव ने बताया कि कोरोना वायरस का वैरिएंट B.1.1.28.2 सबसे पहले ब्राज़ील में अप्रैल, 2020 में पाया गया था। हाल ही में इसे ज़ीटा वैरिएंट के रूप में नामित किया गया है।
ऐसे नुकसान पहुंचाता है जीटा
मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईवी ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि इस वेरिएंट के संक्रमण से तेजी से वजन घटता है, सांस की नली जाम हो जाती है और फेफड़ों में घाव हो जाते हैं।
कौनसी वैक्सीन करेगी असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि बी.1.1.28.2 वेरिएंट विदेश से आए कुछ लोगों में मिला है। एनआईवी पुणे की स्टडी में कोरोना के इस नये स्ट्रेन पर भारत बायोटेक की वैक्सीन को असरदार माना गया है।