गौरतलब है कि केंद्र और किसान इस वक्त आमने-सामने हैं। छह महीने से भी अधिक समय से देश के अलग-अलग राज्यों से, खास तौर से पंजाब,हरियाणा के किसान दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र द्वारा बीते साल लाए गए तीनों कृषि संबंधी कानूनों को रद्द किया जाए जबकि केंद्र संशोधन की बात पर अड़ी हुई है। केंद्र और किसानों के बीच में अब तक दस से अधिक दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। हालांकि, इस साल की शुरूआत में ही सुप्रीम कोर्ट कानून पर अंतरिम रोक लगा चुका है।
कृषि कानून में संशोधन करेगी महाराष्ट्र सरकार….विधानसभा में पेश होगा मसौदा
June 09, 2021
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पुणे. राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा है कि सरकार किसानों की हितों की रक्षा के लिए अपने कृषि कानून में संशोधन करेगी। थोरात ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के 5 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में मसौदा कानून पेश किया जाएगा।उन्होंने यहां रांकापा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा कि हम राज्य कृषि कानून में संशोधन करना चाहते हैं क्योंकि हमें लगता है कि केन्द्र सरकार के कृषि कानून किसानों के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मसौदे पर हमारी शरद पवार से चर्चा हुई है।
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