- स्टोरी हाईलाइट
- हड़पी गई जमीन वापस करो
- कोर्ट ने दिया आदेश
नई दिल्ली . मदुरै के एक शख्स ने दो दशक पहले BSNL को एक जमीन का टुकड़ा भेंट स्वरूप 1 रूपये में दिया था। लेकिन आज 2 दशक बाद भी BSNL ने उस भूमि का इस्तेमाल नहीं किया है। इस पर मद्रास उच्च न्यायालय ने BSNL को फटकार लगाते हुए, संपति का भुगतान करने को आदेश दिया है।शर्त यह थी कि, उस जमीन पर जो इमारत BSNL बनाएगी, वह उनके पिता के नाम पर रखा जाएगी। बीस साल बाद मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने BSNL को जमीन पर टेलीफोन एक्सचेंज बनाने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई। ऐसे में अदालत ने BSNL को 2001 से मारीमुथु को संपत्ति के बाजार मूल्य के साथ-साथ नौ प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज का भुगतान करने या संपत्ति वापस करने का निर्देश दिया है।
क्या कहा अदालत ने
न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा, “BSNL राज्य का एक साधन होने के नाते नागरिकों के साथ उचित व्यवहार और निष्पक्ष रूप से कार्य करने के लिए बाध्य है। याचिकाकर्ता को अपनी संपत्ति के हिस्से को बेचने के लिय प्रेरित करने के बाद, BSNL एक इमारत बनाने के अपने वादे से मुकर गया। इसका परिणाम यह हुआ कि, याचिकाकर्ता को दोगुना नुकसान उठाना पड़ा है।”
क्या है मामला
- AS Marimuthu ने साल 1999 में विरुधुनगर में अपने पिता के लिए एक स्मारक बनाने के लिए 28,520 रुपये में संपत्ति खरीदी थी।
- उन्होंने BSNL को संपत्ति दी, जो एक टेलीफोन एक्सचेंज के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश कर रही थी। यह सौदा साल 2001 में तय हुआ था और शर्त यह थी कि इमारत का नाम उनके पिता के नाम पर रखा जाएगा।
- चूंकि संपत्ति को सरकारी नीति के अनुसार उपहार के रूप में नहीं लिया जा सकता है, इसलिए याचिकाकर्ता को BSNL से 1 रुपये का टोकन प्रतिफल प्राप्त हुआ।
- बहरहाल, कई वर्षों के बाद भी, जमीन पर कोई इमारत नहीं बनाई गई थी, जिसके बाद Marimuthu ने साल 2014 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
- उसके बावजूद भी BSNL ने जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया, जिससे अदालत को यह आदेश पारित करना पड़ा।