मुंबई. मानसून सत्र के पहले दिन आज महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा करने वाले भाजपा के12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है। निलंबित किए गए विधायक हैं- संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया।
ऐसे शुरू हुआ हंगामा
मानसून सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने पहले विधानसभा के बाहर मराठा और ओबीसी आरक्षण, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) और कृषि मुद्दों को लेकर हाथों में बैनर लिए प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद सत्र में शामिल होने पहुंचे भाजपा विधायकों ने प्रवेश करते ही नारेबाजी शुरू की। भाजपा और सत्तापक्ष के विधायक एक दूसरे से धक्कामुक्की करने लगे। भाजपा विधायकों पर पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का भी आरोप है। हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश कर दिया। इसे बहुमत से पारित कर दिया गया।
106 विधायकों को सस्पेंड करें तो भी चलेगा: फडणवीस
कार्रवाई के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा – ओबीसी के मुद्दे पर हमने सरकार को बेनकाब किया। इसलिए झूठे आरोप में विधायकों को निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा अगर 12 के बजाय 106 विधायक निलंबित कर दिए जाए तो भी काम चलेगा, लेकिन हम ओबीसी (OBC) मुद्दे पर बात करते रहेंगे।निलंबित विधायक आशीष शेलार ने उध्दव ठाकरे सरकार को तालिबानी सरकार बता डाला। शेलार ने कहा कि शिवसेना में मेरा सामना करने की ताकत नहीं है। इसलिए नो बॉल पर उन्होंने मेरा विकेट लिया गया है।