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सनातन वैदिक आर्य सिध्दांत सर्वोत्कृष्ट : पुरी शंकराचार्य

 अरविन्द तिवारी.जगन्नाथपुरी . ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज समय - समय पर सनातन वैदिक आर्य सिद्धान्त की सर्वोत्कृष्टता के संबंध में संदेश प्रसारित करते हैं, ऐसे ही ‘स्वस्थ क्रांति की उद्भावना’ शीर्षक से उनका संदेश उद्घृत है कि सनातन वैदिक आर्य सिद्धान्त दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक धरातल पर इस युग में भी सर्वोत्कृष्ट है। 

वेदविहीन विज्ञान देहात्मवाद का पोषक, पर्यावरण का प्रदूषक तथा अत्यन्त विस्फोटक है। भारत अपनी मेधाशक्ति, रक्षाशक्ति, वाणिज्यशक्ति और श्रमशक्ति का सदुपयोग करने में अक्षम है। भारत अपने आदर्श की रक्षा करने में सर्वथा असमर्थ है। 

ऐसी स्थिति में शिक्षा, रक्षा, न्याय, कृषि, गौरक्ष्य, वाणिज्य के सनातन प्रकल्प को समझने और क्रियान्वित करने की आवश्यकता है। धार्मिक और आध्यात्मिक नेतृत्व विहीन स्वतन्त्र भारत के लिए घातक है। ऐसी स्थिति में सर्वहित की भावना से परस्पर सद्भावपूर्ण सम्वाद के माध्यम से सैद्धान्तिक निष्पत्ति प्राप्त कर स्वस्थ क्रान्ति की आवश्यकता है।

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