गुवाहाटी. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को यहां कहा कि सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम ) से किसी मुसलमान को कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इसे सांप्रदायिक रंग दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास हमारे साथ 4000 साल से चल रहा है , यह कहीं नहीं हुआ है कि इतनी सारी विवधिता एक साथ और शांति से चली और आज भी चल रही है। जब ऐसा सोचने वाले आए की एक होने के लिए एक ही प्रकार आवश्यक है तब यह अलगाव शुरू हुआ।
हमको किसी भी विविधता से परहेज नहीं था , हमारे देश में कितने अलग -अलग राज्य थे और तब भी लोग कश्मीर से कन्या कुमारी तक आते जाते थे।इस समस्या से हमारा तब परिचय हुआ जब मुसलमानों की जनसँख्या बढ़ाने की मुहीम चली ।
भागवत मंगलवार शाम दो दिन की यात्रा पर असम पहुंचे। आरएसएस के प्रवक्ता ने बताया कि भागवत ने असम के विभिन्न क्षेत्रों और अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं त्रिपुरा जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकें की। गौरतलब है कि इससे पहले 4 जुलाई को भागवत ने कहा था, 'यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।'