मध्य प्रदेश में परिवहन आयुक्त की शासन तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण सरकार के खजाने पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है ज्ञात हो कि बहुत लंबी छानबीन के बाद सिटी टुडे दो मध्यप्रदेश के भिंड आरटीओ अनुराग शुक्ला जिस की कार्यप्रणाली से सरकार को मात्र 19 महीने में लगभग 14 करोड रुपए के राजस्व की हानि हुई वह क्यों और कैसे हुई हम आपको बताते हैं पहले बताते हैं विभाग की दादागिरी जब शिकायतकर्ता इस पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल मुख्यमंत्री मुख्य सचिव परिवहन मंत्री परिवहन आयुक्त को की तो आरटीओ अनुराग शुक्ला ने घबराकर इसी प्रकरण से संबंधित सूचना के अधिकार के तहत आवेदन की जानकारी लेने आए शिकायतकर्ता रवि कांत दीक्षित तथा अखिलेश शर्मा को अपने कार्यालय में जब देखा तो उनके द्वारा 8 मार्च 2022 को भिंड देहात थाना के प्रकरण क्रमांक 0096 के तहत उसी प्रेम शंकर बाबू से अनुराग शुक्ला ने शिकायत करवा कर मारपीट एवं शासकीय कार्य में बाधा डालने का मुकदमा बना दिया हालांकि इस प्रकरण की पुलिस पुनः जांच कर रही है परंतु दोनों शिकायतकर्ता जो आरोपी बन गए ने अब न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जो मामला विचाराधीन है.
क्या है मामला...
भिंड आरटीओ अनुराग शुक्ला ने डीलर तथा दलालों के साथ मिलकर मार्च 2022 तक 3800 से अधिक ट्रैक्टरों के पंजीयन हेराफेरी की है शिकायतकर्ता के अनुसार अनुराग शुक्ला ने सांठगांठ कर इनमें से दो हजार से अधिक ट्रैक्टरों को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर कृषि कार्य हेतु पंजीयन कर दिया जबकि यह सभी ट्रैक्टर व्यापारिक कार्य हेतु शुरू से आज तक व्यापारिक कार्य संपादित कर रहे हैं ऐसा इसलिए किया कि कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर के पंजीयन पर सरकार कोई शुल्क नहीं देती परंतु व्यापारिक कार्य हेतु पंजीयन करने वाले ट्रैक्टर पर विक्रय राशि का 10% कैसे लिया जाता है किसी टैक्स की चोरी डीलर दलाल आरटीओ अनुराग शुक्ला के साथ मिलकर करते रहे जब शिकायतकर्ता की शिकायत की सुनवाई नहीं हुई कब मजबूरन शिकायतकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत क्रमांक पी एम ओ./जी/E/2022/0098762 की तो राज्य सरकार के विभाग के अधिकारियों कुंभकरण की नींद खुली तब पी एम ओ .के भय से आयुक्त मुकेश जैन ने 10 मई 2022 को पीएमओ से प्राप्त शिकायत की जांच के लिए अपर आयुक्त इंफोर्समेंट को नियुक्त किया. विभाग के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर सिटी टुडे को बताया थे शिकायतकर्ता की शिकायत प्राथमिक रूप से सही है इस शिकायत के अनुसार आरटीओ अनुराग शुक्ला की कार्यप्रणाली से सरकार को ₹14 करोड़ की हानि हुई है शायद इसीलिए अनुराग शुक्ला ने इन पँजीयन प्रकरण के सभी दस्तावेज जला दिए अथवा गुम कर दिए इसके बावजूद भी परिवहन आयुक्त मुकेश जैन अमानत में खयानत करने के इस अधिकारी को कई और गंभीर शिकायतों के बावजूद भी अभी तक क्यों बचा रहे हैं शायद भिंड के पेड़े जो मशहूर है रास आ गए होंगे जब इस संबंध में एक विधि का सलाहकार चर्चा की गई उसने कहा यह तो अपराधिक प्रकरण है इसी में आरोपी डीलर साथ साथ षड्यंत्रकारी अनुराग शुक्ला को भी आरोपी बनाया जा सकता है परंतु विभाग ढाक के तीन पात जाँच के नाम पर ठीक उसी तरह बचाने का रास्ता निकाल रहा है जिस तरह भिंड के तत्कालीन प्रभारी आरटीओ को 1 बसों के फिटनेस के मामले में दोषी होने के बाद भी क्लीन चिट दी. जिस तरह आखरी बाजी में माहिर आयुक्त सीएम हेल्पलाइन में लगातार चौथी बार अव्वल रहने का दावा कर अब विभाग में कर्मचारियों के असंतोष को खत्म करने के लिए कर्मचारियों को सम्मानित करने का भी मन बना चुके हैं शायद उसी तर्ज पर जिस तर्ज पर चहेतों को सम्मान देने के साथी रात दिन करुणा काल में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए मेहनत करने वाले कई योद्धाओं को ना तो सम्मान मिला ना ही आयुक्त इनको करोना योद्धा का दर्जा राज्य सरकार से नहीं दिला सके.
बताया जाता हैकि मामला पीएमओ तक पहुंच गया है इसलिए शिकायत की जांच किस रफ्तार से होगी यह तो आयुक्त से करेंगे क्योंकि उनको निष्पक्ष जांच करने वाले अधीनस्थ अधिकारियों पर बहुत कम विश्वास रहता है शिकायतकर्ता रवि कांत दीक्षित मोबाइल क्रमांक 6264 073 018 ने चर्चा में बताया अगर शासन हित में मुझे मेरी शिकायत के निराकरण के साथ दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई तो मैं इस मामले में जल्दी ही माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में याचिका दायर करूंगा.