सिटी टुडे। अपनी विवादित कार्यशैली तथा अवैध वसूली के लिए अपने ही अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध अपने गुर्गों से ही शिकायत करवाकर जांच के नाम पर वसूली न देने पर लोकायुक्त मे शिकायत व जाँच का भय पैदाकर अपने अधिकारियों कर्मचारियों को आतंकित करने वाले भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे पूर्व परिवहन आयुक्त मुकेश जैन का स्थानांतरण पुलिस मुख्यालय में हो जाने के बाद अधिकारी एवं कर्मचारियों ने राहत की सांस ली कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 10 साल से विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की इतनी शिकायतें नहीं हुई जितनी पिछले 14 महीनों में जैन के कार्यकाल में कथित शिकायतों के नाम पर पूर्व आयुक्त मुकेश जैन ने अधिकारी कर्मचारियों को आतंकित कर रखा था।
स्थानांतरण के बाद सरकार ने मुकेश जैन को पुलिस मुख्यालय में तैनात कर अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी शायद इसी बात से नाखुश जैन ने बीमारी का बहाना लगाकर अपने निवास से कैंप कार्यालय आकर चार्ज देना तक भी उचित नहीं समझा जबकि 17 जुलाई रात 8:00 बजे तक वे कार्यालय में ही बैठकर अपने विरोधी अधिकारी कर्मचारी एवं विरोधी पत्रकारों के विरुद्ध विभाग तथा लोकायुक्त एवं अन्य विभागों को भारमुक्त होने के पूर्व तक पत्र लिखने में व्यस्त रहे।
परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही नहीं अपुष्ट सूत्रों अनुसार परिवहन मंत्री भी उनकी विदाई से राहत महसूस कर रहे हैं, सूत्रों अनुसार विभाग में यह पहला मौका है कि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपने उत्पीड़न से दुखी होकर किसी परिवहन आयुक्त के लिए विदाई पार्टी तक न दी हो। जैन के कोपभाजन से पीड़ित।रहे समस्त अधिकारी कर्मचारीओं ने मुकेश जैन को विदाई पार्टी देना भी 15 दिन बाद भी उचित नहीं समझा।
प्राप्त जानकारी अनुसार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोकायुक्त की जांच का सामना कर रहे पूर्व आयुक्त मुकेश जैन के मामले पर लोकायुक्त अगली सुनवाई 29 अगस्त को करेगा.