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रतलाम महापौर चुनाव में भी कांटे की टक्कर

सत्ता और संगठन ने झोंकी पूरी ताकत 

रतलाम में भी कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को रखा दूर

सिटी टुडे। भारतीय जनता पार्टी के गढ़ रतलाम में महापौर चुनाव को लेकर वैसे तो कांग्रेसी भाजपा के अलावा आप तथा निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी रण में कूदे हुए हैं परंतु सीधी टक्कर कांग्रेश और भारतीय जनता पार्टी में स्पष्ट झलक रही है जातीय समीकरणों के तहत कांग्रेसियों भारतीय जनता पार्टी के दोनों प्रत्याशी जाट होने के साथ ही सजातीय वोट बट जाने से निर्णायक वोट जैन ब्राह्मण तथा मुस्लिम बताया जा रहा है प्राप्त जानकारी अनुसार स्थानीय जैन समाज अधिकतर भा जा पा का वोट बैंक माना जाता है।

कांग्रेस की ओर से इस चुनाव की कमान अप्रत्यक्ष रूप से कांतिलाल भूरिया संभाले हुए हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा स्थानीय मंत्री तथा आर एस एस वह भारतीय जनता पार्टी के नेता संभाले हुए हैं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा तथा कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ दोनों 11 जुलाई को पहली बार रतलाम मैं इस महापौर चुनाव किसी के चुनाव प्रचार हेतु आएंगे अभी तक स्थानीय नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद तथा उनके मंत्री इस चुनाव की कमान संभाले हुए हैं।

पिछले 20 साल से रतलाम नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है इस बार कांटे की टक्कर में मतदान के प्रतिशत पर तय होगा हार जीत का मामला क्योंकि मतदान वाले दिन 13 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा होने के साथ जैन समाज के महत्वपूर्ण त्योहार चातुर्मास का भी मतदान पर असर पड़ेगा दोनों पार्टियों के नेता कार्यकर्ता अगर मतदान अधिक से अधिक करवाने में सफल रहे तो कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा ही जीत होगी।

रतलाम जैसे गढ़ में महापौर के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता एवं संगठन को इतनी ताकत झोंकनी पड़ेगी यह प्रदेश के किसी नेता को एहसास नहीं था।

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