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आयुक्त की निष्क्रियता के कारण जिला कार्यालयों का काम प्रभावित नागरिक परेशान

 

सिटी टुडे। प्रदेश के विवादित व भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे परिवहन आयुक्त मुकेश जैन की निष्क्रियता एवं कार्यप्रणाली के कारण अब धरातल पर जिला कार्यालय के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं जिसके कारण नागरिक परेशान है परंतु मुख्यालय से नदारद मुकेश जैन भोपाल कैंप कार्यालय से ही मोबाइल पर विभाग को चलाने में व्यस्त रहते हैं। मुख्यालय ग्वालियर में होने के साथ ही वर्तमान में ग्वालियर जिले के अतिरिक्त श्योपुर तथा अशोकनगर जिलों के परिवहन अधिकारी स्थाई रूप से पदस्थ न होने के कारण श्योपुर की समस्याओं के बारे में हमने कुछ दिन पूर्व ही खुलासा किया था।

यह बात सही है कि विभाग में अधिकारी एवं कर्मचारियों की कमी समय पर पदोन्नति न होने के कारण प्रदेश के कई विभागों के साथ परिवहन विभाग भी प्रभावित हो रहा है परंतु आयुक्त मुकेश जैन की विवादित कार्यप्रणाली के कारण उपायुक्त प्रशासन के पद पर कोई भी अधिकारी आने को तैयार नहीं है इसी के साथ अब श्योपुर के अलावा अशोकनगर जिले की जिला परिवहन अधिकारी हीरालाल सिमरिया 30 जून को ही सेवामुक्त हो चुके हैं परंतु 7 दिन बीत जाने के बाद भी अब भी उनकी जगह किसी को भी प्रभार नहीं  दिया गया।

मुख्यालय ग्वालियर में तीन निरीक्षक पदस्थ होकर मलाईदार कुर्सी अर्थात चेक पोस्ट पर तैनाती का इंतजार कर रहे हैं सूत्रों अनुसार इन तीन में से दो निरीक्षकों को अशोकनगर जिले का प्रभारी अधिकारी बनाए जाने के लिए जब आयुक्त स्तर पर चर्चा की गई तो दोनों निरीक्षको ने मना कर दिया तीसरा आयुक्त का विश्वासपात्र होने के कारण आयुक्त की हिम्मत नहीं है कि उसे शहडोल जिले की तर्ज पर किसी जिले का प्रभारी अधिकारी बनाया जाए। पिछले 7 दिन से जिला परिवहन अधिकारी अशोकनगर की कुर्सी प्रभारी अधिकारी का इंतजार कर रही है परंतु स्वार्थों से घिरे आयुक्त ने नागरिकों की परेशानी को नजरअंदाज करते हुए अपने चहेते निरीक्षक को बचाने के कारण किसी भी निरीक्षक को अशोकनगर जिले का प्रभारी अधिकारी बनाने का समाचार लिखे जाने तक प्रस्ताव तक भेजने की हिम्मत नहीं की। प्रक्रिया अनुसार आयुक्त के प्रस्ताव के बाद ही विभाग तथा विभाग का मंत्री अनुमोदन करता है।

सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि प्रभारी अधिकारी बनाए जाने के लिए कई अधिकारी केवल आयुक्त की विवादित कार्यप्रणाली तथा फरमानों की पूर्ति ना किए जाने से घबराकर प्रभारी अधिकारी बनने से कतरा रहे हैं विभाग में ऐसा पहली बार हो रहा है इससे न केवल राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि विभाग की छवि भी प्रभावित होकर अशोकनगर, श्योपुर जिले के आम नागरिक परेशान हो रहे हैं।

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