सिटी टुडे। पूरे देश में NHAI के अधिकारियों की सांठगांठ से बन रही सड़को का पहली बरसात में ही क्या हाल हो रहा है आप सर्वविदित है। शिवपुरी से ग्वालियर की ओर वर्षों से ठेकेदार और NHAI की सांठगांठ से बन रही सड़क जिसमें अवैध उत्खनन एवं रायल्टी की चोरी की गिट्टी व मुरम का मामला हम पहले उजागर कर चुके हैं। इसी 16 किलोमीटर लंबे बन रहे मार्ग पर पुलों का निर्माण भी किया जा रहा है तकनीकी विद्वानों अनुसार इन पुलों के निर्माण के लिए डिजाइन व गुणवत्ता की अनदेखी कर अनुबंध की शर्तों के विपरीत नीव की कम गहराई, पिलर निर्माण के लिए घटिया क्वालिटी का सरिया,स्लैब निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग कर निर्माण कार्य घटिया स्तर के किए जा रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर दिन में एक बार वाहन से चलते चलते नीचे बिना उतरे निरीक्षण की रस्म अदायगी कर वापस आ जाते हैं संभवत: कमीशन की फेर में रक्षक से भक्षक बन जाते हैं।
हद तो तब हो गई गुणवत्ता के विपरीत सूरत घाटी पर बन रहे पुल के पिलर भी घटिया निर्माण सामग्री से बनने के साथ डिजाइनिंग के विपरीत पानी के बहाव को रोकने के लिए ऊतने मजबूत सक्षम नहीं बनाए जा रहे जितने अनुबंध की शर्तों के अनुसार होना चाहिए।करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे इस सड़क मार्ग तथा पुलों के निर्माण की निरीक्षण की जिम्मेदारी जिन पर है वह दिल्ली एवं भोपाल में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंस से निरीक्षण की खानापूर्ति कर लेते हैं। यही कारण है कि आए दिन बारिश में नवनिर्मित सड़क, पुल टूट रहे हैं और जनता की कमाई भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ रही है।
सूत्रों अनुसार अगर किसी स्वतंत्र एजेंसी से इस सड़क मार्ग के निर्माण के अर्थ,वर्ग तथा पुलो के निर्माण की गुणवत्ता की जाँच धरातल पर आकर करवाई जावे तो अधिकारी एवं ठेकेदारों का करोड़ों रुपए का घोटाला उजागर होगा।