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15 करोड़ के आबकारी घोटाले के आरोपी इंदौर डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी और असिस्टेंट कमिश्नर राज नारायण सोनी से सिटी टुडे के 15 सवाल

सिटी टुडे, ग्वालियर। आबकारी विभाग इंदौर में इस समय भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए 15 करोड़ की चपत शासकीय खजाने में लगाकर झारखंड के ठेकेदार को उपकृत किया गया है। स्थानीय समाचार पत्रों ने भी यह खबर तब लगाई जब सबसे पहले सिटी टुडे डिजिटल मीडिया द्वारा इस खबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित किया जबकि गौरतलब है कि आबकारी विभाग के लिए ही काम करने वाले कुछ पत्रकारों एवं आरटीआई एक्टिविस्ट पत्रकार इस खबर को प्रसारित न करने के लिए पिछले 3 महीने से आबकारी विभाग द्वारा उपकृत किये जा रहे थे।

सिटी टुडे के 15 सवालों का जवाब दें संजय तिवारी और राज नारायण सोनी की जोड़ी

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1 - क्या संजय तिवारी एवं राज नारायण सोनी को यह जानकारी नहीं थी कि धरोहर राशि जमा नहीं की गई है ?

2- संजय तिवारी डिप्टी कमिश्नर की मीटिंग में इंदौर के असिस्टेंट कमिश्नर ने क्या यह नहीं कहा था कि धरोहर राशि जमा हो चुकी है जबकि वास्तव में जमा नहीं थी ?

3- बैंक गारंटी असिस्टेंट कमिश्नर के नाम से दी जाती है असिस्टेंट कमिश्नर इंदौर एवं डिप्टी कमिश्नर संजय तिवारी ने तुरंत बैंक गारंटी का सत्यापन क्यों नहीं कराया जबकि उक्त बैंक गारंटी भी फर्जी थी?

4- आबकारी अधिनियम एवं राजपत्र में राष्ट्रीयकृत बैंकों से ही बैंक गारंटी लेने का नियम है ऐसी स्थिति में किस व्यक्तिगत लाभ के लालच में विदेशी बैंकों की बैंक गारंटी स्वीकार की गई ?

5- क्या संजय तिवारी के एक वफादार भोपाल में रहने वाले शराब ठेकेदार ने बकायादार एवं फ्रॉड ठेकेदार को झारखंड से नहीं लाया था, यह संजय तिवारी का पारिवारिक मित्र एवं ठेकेदार पहले झारखंड में स्वयं काम करता था।

6- 2 महीने की लाइसेंस फीस बकाया होने के बाद भी संजय तिवारी के निर्देश पर असिस्टेंट कमिश्नर राजनारायण सोनी ने कलेक्टर के माध्यम से फ्रॉड ठेकेदार को व्यक्तिगत लाभ के लालच में नोटिस क्यों नहीं दिया?

7 - संजय तिवारी डिप्टी कमिश्नर के किस दबाव में असिस्टेंट कमिश्नर सोनी ने समय रहते ठेका निरस्त क्यों नहीं किया एवं कलेक्टर को क्यों संपूर्ण घटना से अवगत नहीं कराया ?

8 - क्या यह सही नहीं है कि बिना बैंक गारंटी के ठेका चलाने पर जबलपुर में रहते हुए पूर्व में भी संजय तिवारी की विभागीय जांच हुई थी एवं संजय तिवारी को बेहद ईमानदार प्रमुख सचिव ने कठोरतम दंड दिया था?

9- क्या यह सही नहीं है कि असिस्टेंट कमिश्नर राज नारायण सोनी ने रायसेन की पदस्थापना के समय बिना बैंक गारंटी के शराब दुकान चलाने पर बकाया रहने की स्थिति पर विभागीय जांच हुई एवं दंड दिया गया था ?

10- क्या यह सही नहीं है कि संजय तिवारी के कार्यकाल में 5 महीने पहले सिमरोल बियर फैक्ट्री से दो ट्रक बियर एक ही परमिट पर जाती हुई इंदौर पुलिस ने पकड़ी जिसमें परमिट पर फर्जी हस्ताक्षर थे ?

11- क्या यह सही नहीं है कि संजय तिवारी के कार्यकाल में केडिया शराब फैक्ट्री पर महू के आई ए एस ,एस डी एम ने रेड कर लॉकडाउन के समय करोड़ों रुपए की अवैध शराब गुजरात एवं इंदौर भेजने का प्रकरण बनाया था?

12 - क्या यह सही नहीं है कि इंदौर के विदेशी शराब गोदाम से करोड़ों रुपए की अवैध शराब गुजरात जाती है एवं सरकारी गोदाम से अवैध शराब इंदौर संभाग में फुटकर ठेकेदारों को दी जाती है?

13- क्या सही नहीं है कि इंदौर जिले में बियर बारो में अवैध शराब भारी मात्रा में विदेशी गोदाम से दी जाती है जो सीधे डिप्टी कमिशनर संजय तिवारी के अण्डर में आता है? 

14 - क्या यह सही नहीं है कि केडिया फैक्ट्री की घटना के बाद संजय तिवारी को तथा धार के असिस्टेंट कमिश्नर को हटाने के लिए प्रमुख सचिव ने प्रस्ताव भेजा था?

15 - क्या यह सही नहीं है कि संजय तिवारी एवं राज नारायण सोनी ने मिलकर न केवल विदेशी बैंकों से बैंक गारंटी व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकार को ₹15 करोड का नुकसान कराया और प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त तथा कलेक्टर को इस बात की भनक तक नहीं लगी?

ऊपर लिखे गए सभी 15 प्रश्न के उत्तर 15 करोड़ के आबकारी घोटाले का हिसाब देंगे।

कैसे संजय तिवारी अपने उच्च संबंधों एवं सिंडिकेट नाम के ग्रुप के सहयोग से बचने का प्रयास कर रहे हैं। पढ़ें द्वितीय किश्त में....

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