सिटी टुडे। मध्यप्रदेश में स्थानीय चुनाव के नतीजों के बाद गुना नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव प्रदेश में इकलौता उदाहरण है के बहुमत होने के बाद भी 25 पार्षद अपना अध्यक्ष नहीं निर्वाचित कर सकें जब के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के निर्देश पर स्थानीय सहमति के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद के लिए सुनिता टिल्लू रघुवंशी का नाम फाइनल किया गया था परंतु रणवीर ममता मीना के चहेते व्यापारिक मित्र अरविंद गुप्ता ने बगावत कर अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध अफनी पत्नी सविता को चुनाव लड़ने की ताल ठोक थी तथा अपने समर्थक पार्षदों को अरविंद गुप्ता चुनाव के पूर्व रघुवीरममता मीना के गांव अजगरी में ले जाकर पार्षदों की परेड कराई रघुवीर ममता मीना ने पार्षदों को अगली रणनीति से अवगत कराया उसके बाद सभी पार्षद गुना में अजगरी हाउस मे आमद दर्ज करा रघुवीर ममता मीना ने सभी पार्षदों को चाय पानी करवा कर रणनीति के तहत विद्रोह का बिगुल बजा कर सुनीता के विरुद्ध विद्रोही सविता अरविंद गुप्ता के पक्ष में मतदान के लिए रवाना कर दिया मतदान हुआ दोनों को बराबर मत मिले परंतु ताश में सविता अरविंद गुप्ता का भाग्य चमका तथा बहुमत होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी अपने अधिकृत प्रत्याशी को नहीं जिता सकी. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष गजराज सिंह सिकरवार तथा हारे हुए प्रत्याशी सुनीता टिल्लू रघुवंशी एवं उनके समर्थकों ने भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष श्री बीडी शर्मा तथा केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी मुलाकात कर अपना पक्ष रखा कथा संगठन एवं सत्ता को चुनौती देने वाले सविता अरविंद गुप्ता एवं उसके संरक्षक रणनीतिकार रघुवीरममता मीणा के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।
सूत्रों अनुसार विद्रोह के रूप में चुनाव जीतने वाले सविता अरविंद गुप्ता अपने समर्थकों के साथ केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य दिया से मिलने भी पहुंचे परंतु अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले इस विद्रोही व उसके समर्थकों से श्री सिंधिया ने भाव देकर चलते चलते कठोर शब्दों में बगावत कर अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ने वाले सविता अरविंद गुप्ता के विरुद्ध अपनी नाराजगी व्यक्त कर कहा कि मुझे यह सब बर्दाश्त नहीं आपने यह अच्छा नहीं किया कह कार में बैठकर श्री सिंधिया चले गए. वहीं प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर तथा स्थानीय मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को भी काफी प्रयासों के बाद जब सफलता नहीं मिली उन्होंने भी बगावती दंपत्ति के विरुद्ध अपनी राय से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अवगत करा दिया।
आखिर ऐसे कौन से कारण या मजबूरी है कि प्रदेश में इकलौता उदाहरण गुना में सत्ता एवं संगठन को चुनौती देने के साथ ही केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया को भी अप्रत्यक्ष रूप से चुनौती दी उसके बाद भी विद्रोहियों के रणनीतिकार ममता रघुबीर मीणा के विरुद्ध अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की गई इससे गुना जिले में इन्हीं नहीं प्रदेश के कई हलकों में आक्रोश है जिसका असर विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है।
सूत्रों अनुसार रघुवीर मीणा के विरुद्ध पहली पत्नी होने के बाद दूसरी शादी करवाने के मामले के अलावा विवादित जाति प्रमाण पत्र का मामला भी सत्ता में बने रहने के कारण सरकार ने दबा कर रखा हुआ है क्या लाल बस्ते में बंद इस विवादित दंपति के विरुद्ध सत्ता एवं संगठन को चुनौती देने वाले ममता रघुवीर मीणा के विरुद्ध सत्ता एवं संगठन कार्यवाही करने का साहस करेगा?