सिटी टुडे। ग्वालियर नगर निगम में सभापति इस बार आज सर्व सहमति से नहीं बल्कि चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से निर्वाचित होगा भारतीय जनता पार्टी 37 तथा कांग्रेस महापौर को मिलाकर 30 पार्षदों के समर्थन का दावा कर रही है परंतु फिर भी कांग्रेस अपनव इस दावे पर अडिग है कि सभापति तो कांग्रेस का ही होगा। इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी के अंदर आंतरिक गुटबाजी मानी जा रही है राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के दोनों गुट दिल्ली में किसी एक नाम पर एकमत नहीं हो पाए इसलिए दोनों के बीच सभापति चुनाव को लेकर शतरंज का खेल खेला जा रहा है एक नरेंद्र सिंह समर्थक ने तो स्पष्ट कहा कि अगर सभापति हमारे गुट का नहीं होगा तब भाजापा में सभापति चुनाव को लेकर विद्रोह की स्थिति बनेगी।
भले ही दोनों दलों के प्रमुख नेता सभापति अपने दल का बनाए जाने का दावा कर रहे हैं परंतु यह तय है कि सभापति कौन बनेगा यह दलबदलू ही तय करेंगे दोनों दलों के पार्षदो का ग्वालियर आगमन हो चुका है परंतु दोनों दलों के पार्षद अपने नेताओं की निगरानी एवं कब्जे में है।
प्राप्त जानकारी अनुसार महापौर शोभा सिकरवार के पति सतीश सिकरवार जो पुराने भा जा पा के कद्दावर नेता रहे हैं अपने संबंधों के आधार पर दावा कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के पार्षद भले ही अपने नेताओं की निगरानी एवं कब्जे में हों परंतु इनमे से 4 पार्षद सभापति चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देंगे, सूत्रों अनुसार इन चार मे एक सिंधिया समर्थक मुरार क्षेत्र से पहली बार नवनिर्वाचित महिला पार्षद का नाम भी उजागर हुआ है।
सिटी टुडे को प्राप्त जानकारी अनुसार अगर भारतीय जनता पार्टी के पार्षद अनुशासन निष्ठा तथा अपने नेताओं के प्रति वफादारी मे खरे साबित होते हैं तो सभापति भाजपा का होगा अन्यथा निश्चित क्रास वोटिंग के मुद्दे पर निर्वाचन होगा उसमें कौन जीतेगा यह नतीजे तय करेंगे.