सिटी टुडे, गुना। प्रदेश सरकार के आदेश हैं कि किसी भी विभाग में अटैचमेंट यदि है तो उसे तत्काल समाप्त कर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को मूल विभाग में भेजा जाए। इस आदेश का गुना के शिक्षा विभाग में कतई पालन नहीं हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार बमोरी सहित अन्य ब्लॉक में 15 से 20 हजार रुपए दलालों के माध्यम से लेकर शिक्षा विभाग के कर्मियों और शिक्षकों को उनके पसंदीदा जगह भेजा जा रहा है। गुना जिले में अभी 40 से अधिक अटैचमेंट हैं। जो लंबे समय से अटैचमेंट में टिके हैं, वह अपनी मूल पदस्थापना वाली जगह जाने को तैयार नहीं हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन अटैचमेंट कर्मियों और शिक्षकों को तत्काल मूल पदस्थापना जगह भेजने के आदेश दिए हैं, लेकिन अधिकतर शिक्षक इस आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं। अटैचमेंट की वजह से कई स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। सिटी टुडे की पड़ताल में सामने आया कि शैक्षणिक व्यवस्था बिगड़ने की वजह डीपीसी और डीईओ अलग-अलग होना भी है। नियम के अनुसार डीपीसी और डीईओ एक ही होना चाहिए। इन नियमों की भी गुना में भी जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। यहां भी डीइओ और डीपीसी अलग-अलग तैनात कर रखे हैं। सूत्रों ने बताया कि बमोरी में पदस्थ बीईओ राजीव यादव ने हाल ही में दो अटैचमेन्ट एक शिक्षक के माध्यम से किए हैं, जिनमें शिक्षक मनोज धाकड़ का शासकीय प्राथमिक विद्यालय सारेठा से हटाकर पसंदीदा शासकीय प्राथमिक विद्यालय छापरी कर दिया है।
संतोष नामदेव को बीईओ कार्यालय बमौरी में पदस्थ कर दिया है। बमौरी विकासखंड के हाईस्कूल सिमरोद के शिक्षक प्रद्युम्न दुबे जो 9 वर्ष में संस्था ही नहीं पहुंचे। हायर सेकंडरी स्कूल झागर के शिक्षक को एक स्कूल में पदस्थ किया है। गुना विकासखंड के 20 शिक्षकों ने घर के नजदीक या शहर में ही नौकरी करने के इरादों से सिफारिश अथवा धनबल की दम पर अटैचमेंट करवा रखे हैं.
प्राप्त जानकारी अनुसार गुना जिले की प्रत्येक ब्लॉक में 10 से 12 शिक्षक अटैचमेंट के सहारे अपने घर तथा नजदीकी स्थान पर नौकरी कर ग्रामीण अंचल में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर शासन के नियमों को चुनौती दे रहे हैं।