सिटी टुडे। मप्र के वह IPS जो हाल ही में एक मलाईदार पद से हटाए गए सर्वाधिक विवादित, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे इन आईपीएस महोदय से सरकार इतनी नाराज है कि अभी तक उनको कोई पोस्टिंग भी नहीं दी गई हालांकि उनके द्वारा मलाईदार पद से हटने के बाद पदस्थापना हेतु सभी कोशिश की गयीं जिनमें उनके द्वारा दूरसंचार व रेडियो, विशेष सुरक्षा बल सहित प्रशिक्षण शाखा तक में अपनी पदस्थापना कराए जाने के भरसक प्रयास किए गए परंतु सफलता नहीं मिली यही नहीं सरकार ने अभी तक उनको कोई अन्य कार्य भी आवंटन नहीं किया।
प्राप्त जानकारी अनुसार सरकार उनकी कार्यशैली से तो नाखुश थी ही, साथ ही जिस दिन उनको मलाईदार पद से हटाया गया उसी दिन नितिन गडकरी का एक तथाकथित फर्जी पत्र को सोशल मीडिया पर जारी करवाने के पीछे इन्हीं अधिकारी का दिमाग बताया जाता है। सच तो जो भी हो वह जांच के बाद ही पिटारी से बाहर निकलेगा लेकिन सरकार की बदनामी तो इनकी करतूत से हो ही गई। इनके पूर्व विभाग के कर्मचारी अधिकारी वी इतने पीड़ित बताए जाते रहे हैं कि उन्होंने दुखी मन से इन महोदय हो विदाई पार्टी देना भी उचित नहीं समझा।
सूत्रों अनुसार इस आईपीएस अधिकारी का सेवाकाल मात्र अब 10 महीने बचा है लोकायुक्त के लँबित प्रकरण उसी मामले में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में लंबित एक याचिका के कारण शायद सरकार इनकी पदस्थापना नहीं कर रही।