लखनऊ.अवैध धर्मांतरण का रैकेट मामले में बाल कल्याण मंत्रालय का एक कर्मचारी गिरफ्त में आया है। धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए उमर और जहांगीर से पूछताछ में पता चला है इस्लामिक दावाह सेंटर में देश और विदेश से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम हवाला के जरिए आई है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि गुरुग्राम से मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख को महाराष्ट्र के बीड़ से और राहुल भोला को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
बीड़ के इरफान का है मेन रोल
इरफान दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटर का काम करता है, जबकि मन्नू और राहुल मूक-बधिर हैं। मूक-बधिरों के बीच इरफान की अच्छी पकड़ है। एडीजी ने बताया, ‘इरफान उन्हें प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए तैयार करने में उमर की मदद करता था। वह उमर तक ऐसे मूक-बधिरों का डेटा भी पहुंचाता था। राहुल भी मूक-बधिरों को धर्मांतरण के लिए तैयार करने में इरफान की मदद करता था।
कतर, दुबई और अबुधाबी से आया पैसा
पड़ताल में सामने आया है कि उमर ने अपने निजी, परिवारजनों और फातिमा चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में विदेश से रकम ट्रांसफर करवाई थी। वर्तमान में इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खाते से 50 लाख रुपये बरामद हुए हैं। एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि असम की संस्था मारकाजुल मारिफ से भी उमर को बड़ी रकम मिली है। एडीजी के मुताबिक इस्लामिक दावा सेंटर के खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांजैक्शन किया गया है।ज्यादातर रकम हवाला के जरिए आई है। कतर, दुबई, अबुधाबी से इस्लामिक दावाह सेंटर के खातों में कई ट्रांजेक्शन हुए हैं। एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण से जुड़े जो भी दस्तावेज इन पांचों के यहां से मिले हैं उनका सत्यापन कराया जा रहा है।