शांतनु शर्मा . नांदेड़. देशभर में इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर से हर अफरातफरी का माहौल है। लोग हॉस्पिटल में बेड और ऑक्सिजन की किल्लत से जूझ रहे हैं। अलग-अलग राज्यों से दवाओं की कालाबाजारी की खबरें आ रही हैं। अब तीसरी लहर की भी आहट सुनाई दे रही है। इस बीच में महाराष्ट्र के नांदेड़ में गुरुद्वारा तख्त श्री हजूर साहिब ने बड़ा ऐलान किया है। गुरुद्वारे की तरफ से कहा गया है कि वो अपने यहां पिछले 50 साल से जमा हुए सारे सोने को दान कर देंगे। जो भी राशि मिलेगी उससे हॉस्पिटल बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि जब भी देश पर कोई आपदा आती है तो सिख समुदाय मदद के लिए सबसे पहले हाथ बढ़ाता है। आपको याद होगा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सिख समुदाय ने लोगों के लिए न केवल गैस सिलेंडर का लंगर लगवा दिया था बल्कि लगातार मुफ्त में खाने और दवा का भी इंतजाम किया था।
जमा सोना दान करके मदद करना जरूरी
तख्त के जत्थेदार संत बाबा कुलवंत सिंह जी ने कहा कि जो सोना हमने पिछले 50 साल से जमा करके रखा है उसे हमें और जमा करके नहीं रखना है। हमें इसे सेवा में लगाना होगा। इसे हॉस्पिटलस और मेडिकल कॉलेजेस बनाने में खर्च करना होगा। हमने इससे पहले इस सोने का इस्तेमाल गुरुद्वारा बनाने में किया है। कोई अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बने इससे लोगों का फायदा होगा। खालसा लोगों के मुश्किलों में ही मदद करती है।
अच्छे इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है
कोरोना के चलते नांदेड़ के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां अच्छी सुविधाएं न होने के कारण उन्हें अच्छे इलाज के लिए हैदराबाद या मुंबई जाना पड़ रहा है। शहर में सारी सुविधाएं होने के बाद उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी। यहां के आप-पास के गांव के लोग नांदेड़ में इलाज करा सकेंगे।
हजूर साहिब सिखों के 5 तख्त में से एक हैं। इसमें स्थित गुरुद्वारा ‘सच खण्ड’ कहलाता है। गुरुद्वारा का निर्माण 1832 और 1837 के बीच हुआ था। गोदावरी नदी के किनारे बसा शहर नांदेड़, हजूर साहिब सचखंड गुरूद्वारे के लिए विश्व भर में प्रसिध्द है। यहां हर साल दुनिया भर से लाखों श्रध्दालु आते हैं और मत्था टेकते हैं। सन 1708 से पहले गुरु गोविन्द सिंह जी धर्म प्रचार के लिए कुछ वर्षों के लिए यहां अपने कुछ अनुयायियों के साथ रुके थे।