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Motivational story/ छोटी उम्र में छू लिया आसमां, बनना चाहती है मिस इंडिया

शांतनु शर्मा. मुंबई  /पुणे. कहते हैं जहां चाह, वहां राह। कॉलेज में पढ़ते-पढ़ते सपना देखा मिस इंडिया बनने का। सपना सच करने का जज्बा था पर राह आसान नहीं थी। लेकिन अगर इरादे पक्के हों तो  मुश्किलों से लड़ते हुए भी सफलता पाई जा सकती है। यही बयां करती है शर्बानी घोष की मोटीवेशनल स्टोरी। 25 साल की शर्बानी ने आज वो मुकाम हसिल कर लिया जहां पहुंचना लाखों लड़कियों के लिए महज सपना ही  होता है। शर्बानी इंडियन आर्मी के रिटायर्ड अधिकारी कर्नल संदीप घोष और स्निग्धा घोष की बेटी हैं। वे स्कूल , कालेज में पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं। इसी दौरान चाहत हुई मिस इंडिया बनने की।
पर किसी को बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं। जब छोटी बहन सागरिका से जिक्र किया तो उसने मोटीवेट तो किया पर माता-पिता से इस बारे में बात करने की एडवाइज भी दी।

पेरेंटस ने कहा पहले पढ़ाई पूरी करो

जब पेरेंटस को बताया तो उन्होंने कहा कि पहले पढ़ाई पूरी करके अच्छा जॉब करो, फिर इस बारे में सोचना। शर्बानी ने पेरेंटस की बात मान ली। पर सपना पीछा करता रहता था। पुणे से एम.कॉम और एम.बी.ए करने के बाद नौकरी के लिए हैदराबाद जाना पड़ा। शर्बानी हैदराबाद में यू.के. की कंपनी में मार्केट रिसर्च एनालिस्ट हैं। अब सबसे बड़ी मुश्किल थी नौकरी से समय निकालकर सपने के पीछे भागना।

ऐसे मिल गया  मुंबई में मौका

कहते हैं ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। बस….रास्ता निकल गया और शर्बानी को मुंबई में ‘द इंटरनेशनल ग्लैमर प्रोजेक्ट’ व्दारा आयोजित ‘मिस इंडिया 20-21’ में पार्टीसिपे़ट करने का मौका मिल गया। शर्बानी फाइनल राउंड में सिलेक्ट हो गईं। यहां उनकी मुलाकात पूर्व मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड अभिनेत्री आदिती गोवात्रिकर से हुई। आदिती इनसे बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने शर्बानी को तुरंत ही एड फिल्म में काम करने का ऑफर दे डाला। शर्बानी ने ‘शुशि एंड मोर इंडिया- फुड चेन’ के लिए बनी एड फिल्म में काम शुरू किया। अब उनके पास कई ब्रांडेड एड कंपनियों की एड फिल्म के ऑफर हैं। पर शर्बानी कहती हैं कि मेरा ऐम मिस इंडिया बनकर देश का नाम रोशन करना है। शर्बानी अपनी सफलता का सारा क्रेडिट माता-पिता को ही देती हैं। वह कहती हैं-अगर मेरे पैरंट्स  मुझे आगे बढ़ने का हौसला न देते तो शायद आज मैं यहां नहीं होती। शर्बानी चाइल्ड एजुकेशन के लिए काम कर रहे एक एनजीओ से भी जुड़ी हुई हैं।

                                                                     शर्बानी घोष

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