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1 लाख से ज्यादा बच्चों का भविष्य संकट में, MP नर्सिंग काउंसिल ने 200 नर्सिंग कॉलेजों की निरस्त की मान्यता

 


सिटी टुडे। मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल के 200 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है।है नर्सिंग का उंसिल ने चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय को सूची भेज दी है। इससे प्रदेश के करीब एक लाख से भी ज़्यादा नर्सिंग छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया है।

नर्सिंग काउंसिल ने ये कार्रवार्रवाई सत्र शुरू होने के एक साल बाद की है नर्सिंग कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद यह कार्रवार्रवाई की गई। सबसे ज्यादा भोपाल और ग्वालियर संभाग के कॉलेज इससे प्रभावित हुए हैं।

मान्यता रद्द होने के बाद शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंगरं ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों के शुद्दीकरण किया जा रहा है। हमने इस क्षेत्र को साफ सुथरा करने का निर्णय लिया था , जिसके कारण यह कार्रवार्र वाई की गई है, शिक्षा के क्षेत्र में फर्जीवाड़ा नहीं होने दिया जाएगा । प्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को संचालित नहीं होने दिया जाएगा । फर्जी
कॉलेज ही रहेंगे तो छात्रों के भविष्य खतरे में रहेंगे ही । हम एक नीति बना ने की तैयारी करेंगे जिससे छात्रों को कोई नुकसान नहीं होगा ।

दरअसल नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए अस्पताल की जरूरत होती है,है लेकिन नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने अस्पताल कागजों पर ही खोल लिए थे। 100 बेड के अस्पताल पर क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए कॉलेज को 30 विद्यार्थी को पढ़ा ने की अनुमति होती है, इसमें द्वितीय और तृतीय वर्ष के बच्चे भी क्लीनिकल ट्रॉयल करते हैं।

इस तरह एक बेड पर एक छात्र-छात्रा को सीखने का मौका मिलता है। अब मान्यता निरस्त होने के बाद जिस कॉलेज में बंद होने वाले कॉलेजों के बच्चों को समायोजित किया जाता है,वहां अस्पताल की सीट और बच्चों के अनुपात का मानक टूटेगा।

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