76 वर्ष के तपस्वी साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर का पद विहार कर रहे
बीते मार्च में एक कदम भी चलने की शक्ति नहीं थी
कुंडलपुर दमोह से रहली सागर तक डोली से विहार किया था
23 मई को मन में कुछ संकल्प लेकर रहली से चल पड़े हैं। आज सुबह नरसिंहपुर पहुंच गये हैं। दो महीने पहले डोली पर चलने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज अब पैदल तेज कदमों से चलते हुए बस चले जा रहे हैं। कहां जा रहे हैं कुछ नहीं पता। गन्तव्य पर कब तक पहुंचेंगे यह भी नहीं पता।
आप जानते ही हैं कि दिगंबर जैन संत 24 घंटे में सिर्फ एक बार अन्न- जल ग्रहण करते हैं। वह भी विधि पूर्वक खड़े होकर। आचार्य श्री ने तो आहार में सभी रसों का भी त्याग कर रखा है। शक्कर, नमक, सब्जी, फल का आजीवन त्याग है। वे साधना की शक्ति से चल रहे हैं।