सिटी टुडे। पूर्व परिवहन आयुक्त मुकेश जैन अपने 2 साल के कार्यकाल में अब तक के सर्वाधिक विवादित परिवहन आयुक्त रहे जो अधीनस्थ कर्मचारी, अधिकारियों से अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध वसूली करते रहे इनकी शिकायतें सरकार तथा लोकायुक्त तक पिछले 8 महीने से निरंतर पहुंच रही थी, लोकायुक्त ने इनके प्रकरण 0178/ई/2021 में जांच तो भी शुरू कर दी थी परंतु जांच के लिए प्रतिवेदन मुकेश जैन के अधीनस्थ अधिकारियों से ही मंगाया जा रहा था जो न्यायोचित नहीं था इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में डब्ल्यूपी भी दायर की गई थी जिस पर माननीय न्यायालय ने संबंधित सभी को नोटिस भी जारी किए। सूत्रों अनुसार मुकेश जैन आला अधिकारियों को यह कहकर गुमराह करते रहे के याचिका लोकायुक्त के विरुद्ध लगाई गई है, परंतु हकीकत यह है कि याचिका मुकेश जैन के भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कछुआ गति से बाहर निकलकर समय सीमा मे की जाए।
प्राप्त जानकारी अनुसार अब इस मामले की सुनवाई लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में 29 जुलाई को होना तय हुई है। लेकिन अब विवादित तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मुकेश जैन पद से हटने के बाद लोकायुक्त जांच अधिकारी को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं कि "उक्त शिकायत परिवहन आयुक्त की थी अब मैं परिवहन आयुक्त नहीं हूं" जबकि हकीकत यह है के उक्त शिकायत परिवहन आयुक्त के विरुद्ध न होकर मुकेश जैन के ही विरुद्ध है उनके द्वारा ही अपने विवादित कार्यकाल में अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों से अवैध वसूली करने के लिए भयभीत आतंकित करने विभागीय जांच का डंडा दिखाकर अवैध वसूली की जाती थी जो इनकी अवैध वसूली के शिकंजे में नहीं आता था उसको विभिन्न रूप से शासकीय प्रक्रिया पद का दुरुपयोग कर प्रताड़ित भी किया जाता रहा है जिसकी कई शिकायतें हुई।
मुकेश जैन के परिवहन आयुक्त पद से हटने के बाद मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के अंदर आतंक जैसा माहौल अब समाप्त होकर कर्मचारी, अधिकारी राहत महसूस कर मुकेश जैन की कार्यप्रणाली की निंदा करते हुए सरकार तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुकेश जैन को हटाए जाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।