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जनसंपर्क अधिकारी ग्वालियर की बेकाबू हुई जुबान, बोले जल्द होगा कलेक्टर का ट्रांसफर होगा, नई कलेक्टर बनेगी प्रतिभा पाल

सिटी टुडे। भले ही राज्य सरकार में अभी प्रशासनिक फेरबदल के लिए उच्च स्तर पर कोई चर्चा भी नहीं की हो परंतु ग्वालियर में लगातार कई वर्षों से पदस्थ सहायक जनसंपर्क अधिकारी ने 19 जुलाई को शाम 5:30 बजे अपने कार्यालय में बैठे दो पत्रकारों से  चर्चा करते हुए उनकी जुबान ऐसी नियंत्रण से बाहर हुई कि उन्होंने यह तक कह दिया कि ''ये कलेक्टर तो गयो मैं कह रहा हूँ लिख लो ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का ट्रांसफर जल्दी होगा नई कलेक्टर होंगी प्रतिभा पाल जो अभी नगर निगम आयुक्त इंदौर में है उसे ही ग्वालियर कलेक्टर बना जाएगा।" 

ज्ञात हो कि ग्वालियर के मूल निवासी व लगातार कई वर्षों से ग्वालियर में ही तैनात होकर इस अधिकारी को नगर निगम ग्वालियर के पीआरओ पद से भी विशेष मोह बरकरार है। उल्लेखनीय है कि इन महानुभाव को पूर्व में भी नगर निगम की जनसंपर्क शाखा से तत्कालीन आयुक्त अनय द्विवेदी ने एक घोटाले में लिप्त होने के कारण हटाया था परन्तु श्री द्विवेदी की रवानगी के बाद फिर घोटाले को दबाने के लिए इसी शाखा में पदस्थ हो गए परंतु तत्कालीन आयुक्त व वर्तमान कलेक्टर श्योपुर ने तो अपने कार्यकाल में ही इनको नगर निगम की जनसंपर्क शाखा से हटाकर इनके मूल विभाग में भिजवा दिया था। बदले राजनीतिक परिदृश्य में इन्होंने गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर मधु अपनी ग्वालियर में ही तैनाती के लिए समय-समय पर अपनी निष्ठा बदल बदलकर अलग अलग राजनेताओं व वरिष्ठ अधिकारियों की चौखटों पर आमद देकर प्रशासन के ऊपर भी हावी होने का दावा कर अहंकार में डूब चुके हैं। इनकी प्रशासन के समानांतर कार्यप्रणाली वीआईपी आने के बाद प्रशासन व कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन जाती हैं। मधु की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली के कारण ही VIP मूवमेंट में चूक और VIP की प्रेस वार्ता में अव्यवस्था फैलती है इसी बात को लेकर उन्हें अक्सर फटकार पड़ती रही है 10 मार्च 2022 को भी केंद्रीय मंत्री के दौरे के दौरान भारी चूक हुई थी जिससे नाराज कलेक्टर ने मधु की जबरदस्त फटकार लगाई थी इसके बाद प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने भी मधु को जबरदस्त फटकारा था लेकिन मधु की कार्यप्रणाली में सुधार आजतक नहीं हो सका है।

महज अपना रुतबा बरकरार रखने के लिए नियम विरुद्ध ग्वालियर में खुद का भवन होने के बावजूद शासकीय भवन भी अलाट करवा कर रहते हैं। अपनी स्वार्थ पूर्ण कार्यप्रणाली से स्थानीय पत्रकारों के अंदर गुटबाजी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जो पत्रकार इनके चंगुल में नहीं फंसता उनपर वरिष्ठ अधिकारियों को दबाव में लेकर निष्पक्ष पत्रकारों के विरुद्ध कार्यवाही करने में भी वह परहेज नहीं करते। 

अब तो अहंकार से परिपूर्ण जनसंपर्क अधिकारी मधु प्रशासन के अधिकारियों के स्थानांतरण का भी बड़े ही अठ्ठाहस के साथ दावा कर रहे हैं यही नही ये अधिकारी नहीं बल्कि गिरगिट की तरह रंग बदलकर सभी राजनीतिक पार्टियों में दस्तक देकर शासकीय कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने के पूर्व ही उजागरकर शासकीय गोपनीयता भँग करने में नहीं हिचकता न ही डरता है।

क्या शासन तथा प्रशासन के अधिकारी शासन प्रशासन की छवि धूमिल होने से बचाने ऐसे जनसंपर्क अधिकारी से सतर्क रहकर इस के विरुद्ध कार्रवाई करेगा?

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