सिटी टुडे। गुना जिले की राजनीतिक गतिविधियां विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से ही शुरू हो गई है इसका सेमीफाइनल गुना जिले के जनपद तथा जिला पंचायत के चुनावों में देखने को मिला।राजनीतिक ज्ञानियों अनुसार पिछले काफी लंबे समय से पूर्व विधायक ममता मीणा तथा उनके पति जो आईपीएस रहे व एसपी के पद से सेवामुक्त हुए रघुवीर मीणा जिला पंचायत के अध्यक्ष पद कुर्सी पर आँख लगाए बैठे हुए थे। इसी उद्देश्य दोनों पति पत्नी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर जीते भी परंतु उनकी मँशा पर पानी फिर गया। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सजातीय होने व पारिवारिक संबंध रखने वाले राधेश्याम धाकड़ जो पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सलाह पर राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जयवर्धन सिंह के विरुद्ध विधानसभा का चुनाव लड़े थे को ईनाम स्वरूप श्री चौहान ने उनके पुत्र अरविंद धाकड़ को केंद्रीयमंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति लेकर जिला पंचायत का निर्विरोध अध्यक्ष बनाया।
राजनीतिक सूत्रों से अपने विपरीत परिस्थिति को सू पाकर 6 जुलाई को ही रघुवीर मीणा व ममता मीणा समझ गए थे कि हमें सफलता नहीं मिलेगी इसीलिए दोनों ने तय किया कि संगठन तथा सत्ता प्रमुख शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के हित में जो निर्णय लेंगे उसे स्वीकार करेंगे।
हालांकि वरिष्ठ नेता दबी जुबान से यह स्वीकार करते हैं कि ममता रघुवीर मीणा का राजनीतिक समझौता हुआ है जिसके तहत साहब यानि रघुवीर मीणा चाचौड़ा अथवा राघोगढ़ में से किसी एक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वरिष्ठ नेतृत्व रघुवीर मीणा जो पूर्व में राघोगढ़ किले की सरहद से ही लक्ष्मण सिंह के सहारे राजनीति में कूदे मीणा परिवार को राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जयवर्धन सिंह के विरुद्ध प्रत्याशी बनाना चाहता है। ज्ञात हो कि दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह जब भाजपा से सांसद थे तब उन्होंने पहली बार ममता मीणा को जिला पंचायत का अध्यक्ष बनवाया था तथा लक्ष्मण सिंह का राजनीतिक संरक्षण पाकर रघुवीर मीणा ने अपने विरुद्ध दूसरी शादी के प्रकरण के अलावा जाति प्रमाण पत्र के मामले में भी तत्कालीन समय में राहत मिली थी सूत्रों अनुसार दोनों मामले अभी भी गृह विभाग की फाइलों में कैद है।