ग्वालियर पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल के दौरान एक भी गंभीर सनसनीखेज अपराध लंबित नही होना या कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने के पूर्व ही सुलझ जाना महज़ इत्तेफ़ाक या क़िस्मत की सदाशयता के कारण नही हो सकता है वरन इसके लिए व्यक्तिगत औऱ पारिवारिक जीवन को सर्वदा आमजन की सेवा रूपी यज्ञ में आहूत करने वाला तपोनिष्ठ, ध्येयनिष्ठ , मेहनती, ऊर्जावान ,कर्मठ व कर्तव्यनिष्ठ "अमित" बनना पड़ता है ।
कार्यालय हो या फ़ोन हमेशा जनता की मदद के लिए उपलब्ध रहना , नवाचार के प्रति आग्रह रखना ,अधीनस्थों व सहयोगियों के कल्याण के लिए तत्पर रहकर उनकी समस्या को अपने परिवार की समस्या समझ कर सुलझाना ,प्रत्येक गंभीर मामले में स्वयं नेतृत्व करना व मार्गदर्शन देना ,रात हो या दिन हर मोर्चे पर बल का संबल बन कर डटे रहना और इस सभी के बीच विनम्रता का आभूषण धारण किये रहना वर्तमान पुलिस कप्तान, ग्वालियर अमित साँघी जैसा कोई विरला साधक ही कर सकता है ।
कोई समस्या आने पर अधीनस्थों को अपने तनाव निर्मूलन का साधन बनाने वाले तो पुलिस में कई अधिकारी मिल जायेंगे परंतु धैय रख कर ,सहयोगी अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए उनका नेतृत्व करने वाला अधिकारी तो सांघी सर जैसा अनोखा व्यक्तित्व ही हो सकता है ।
कर्तव्य साधना पथ के पथिक श्री अमित सांघी को सराहनीय सेवा के राष्ट्रपति पदक मिलने पाए कोटि कोटि बधाइयां व हार्दिक वंदन ।
एक ऐसा अधिकारी सम्मानित हुआ है जिसके सीने पर सुशोभित पदक की आभा से राज्य पुलिस सेवा और ग्वालियर पुलिस का प्रत्येक अधिकारी स्वयं को गौरवान्वित व आलोकित महसूस कर रहा है ।
शत शत अभिनंदन।