Editor in Chief: Punam choukikar (gutthi times)
रायसेन, Sep 09, 2024
सामुदायिक पुलिसिंग व सामाजिक सुरक्षा को लेकर दिया प्रशिक्षण
यौन हिंसा की रोकथाम तथा लैंगिक संवेदनशीलता एवं सामाजिक सुरक्षा में देंगें पुलिस का साथअपराधों के खिलाफ़ लड़ने मददगार साबित होगी सामुदायिक पुलिसिंग-एसडीओपी सुराना रायसेन।
सामुदायिक पुलिसिंग और सामाजिक सुरक्षा को लेकर भोपाल में दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में उप पुलिस महानिरीक्षक विनीत कपूर के नेतृत्व में सामुदायिक पुलिसिंग सामाजिक सुरक्षा जिम्मेदार मर्दानगी अभियान के अंतर्गत यौन हिंसा की रोकथाम तथा लैंगिक संवेदनशीलता एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया। पुलिस अकादमी भौंरी में यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।
प्रशिक्षण में अनिल कुमार गुप्ता एडीजीपी,अम्रित मीना डीआईजी सामुदायिक पुलिसिंग,सारिका सिन्हा सीनियर जेंडर रिसोर्स पर्सन,ज्योत्री रेयूएन महिला स्टेट को ऑर्डिनेटर उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पब्लिक और पुलिस को एक साथ अपराधों के खिलाफ लड़ना,ग्राम व नगर रक्षा समितियों को पुनः एक्टिव करना,जेंडर असमानता को दूर किए जाने जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई।
प्रशिक्षण में कृषक सहयोग संस्थान रायसेन के नितिन सेन सागर जिला समन्वयक अनिल ने जिलों में ग्राम व नगररक्षा समितियों को सक्रिय करने,पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं के बीच परस्पर समन्वय स्थापित करने की बात कही।
एसडीओपी शीला सुराना ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर लोगों को पुलिस के साथ जुड़ाव होने से पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में आसानी होगी। पुलिस को अपराधों और अपराधियों के खिलाफ़ कानूनी लड़ाई लड़ने में यह सामुदायिक पुलिसिंग प्रशिक्षण मददगार साबित होगा।
एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन,जस्ट राईट फॉर चिल्ड्रन की जिला रायसेन से सहयोगी संस्था कृषक सहयोग संस्थान रायसेन से नितिन सेन और सागर से जिला समन्वयक अनिल रैकवार ने सहभगिता निभाई।
सामुदायिक पुलिसिंग से एक सकारात्मक अवधारणा-
एसडीओपी शीला सुराना ने बताया कि सामुदायिक पुलिसिंग से अपराधियों तक पहुंचना आसान हो जाता है।नशीली दवाओं के दुरुपयोग,मानव तस्करी,संदिग्ध गतिविधियों आदि की पहचान कर अपराध-प्रवण क्षेत्र का निर्धारण कर आवश्यक कार्रवाही की जा सकती है। सांप्रदायिक संघर्ष को टालने में यह बेहद महत्त्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि सामुदायिक पुलिसिंग एक सकारात्मक अवधारणा है जो पुलिस और जनता के बीच की खाई को पाटने का काम करती है। कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ एच बी सेन ने कहा कि सामुदायिक पुलिस व्यवस्था को संस्थागत बनाने के लिये और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है। सुरक्षा समितियों का ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार किया जाना चाहिए।