शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण के चलते गरीबों को नही मिल पा रहे आवासीय पट्टे ।
जहां एक और मध्य प्रदेश की मोहन सरकार गरीबों के लिए आवासीय पट्टे वितरित करने की घोषणा कर चुकी है वहीं गोहरगंज ग्राम में पिछले दो सालों से 40 परिवार आवासीय पट्टों के लिए तहसील दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं इन 40 परिवारों को पट्टे मिलने से एक दिन पहले ही अतिक्रमणकारी जमीन के कागज प्रस्तुत करता है और मामला अधर में लटक जाता है सोचने वाली बात यह है की आबादी वाले शासकीय भूमि की अतिक्रमणकारियों ने रजिस्ट्री भी कर ली है इस पूरे मामले में प्रशासन मौन है और गरीब 40 परिवार सिस्टम और अतिक्रमणकारियों के सामने लाचार दिख रहे हैं
ओबेदुल्लागंज ब्लॉक के ग्राम गौहरगंज में एक बार फिर गरीब अवैध अतिक्रमणकारी और सिस्टम के आगे लाचार लग रहा हैं । मामला शासन द्वारा गरीबो को आवासीय पट्टे देने का है । करीब दो साल पहले एक आबादी वाली शासकीय भूमि पर करीब 40 बेसहारा परिवारों को शासन ने आवासीय पट्टे देने के लिए घोषणा की बाकायदा जमीन पर त्वरित कार्यवाही कर अधिकारियों ने साफ सफाई कर चुना डाल आधी रात तक हितग्राहियों को पट्टे देने की देर रात पूरी तैयारियां की गई सुबह पट्टे वितरित होने थे कि अचानक एक अतिक्रमणकारी जमीन के कागज लेकर उपस्थित होता हैं और इन 40 परिवारों का घर बनाने का सपना अधर में लटक जाता हैं अब पिछले दो सालों से यह 40 गरीब परिवार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं मामला एस डी एम कोर्ट में विवादित है । जिससे ये गरीब परिवार फिर एक बार प्रशासन और अतिक्रमणकारी के सामने लाचार लग रहा हैं । तत्कालीन अधिकारियों ने इस जगह को खाली कराने के बजाए इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जिससे अतिक्रमणकारी ने साँठगाँठ कर आबादी की शासकीय भूमि की रजिस्ट्री भी कर ली है । अब मामला जाँच में हैं लेकिन जाँच कितनी लम्बी चलेगी पता नहीं तब तक लाचार गरीब दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक हार के अपने हक़ की लड़ाई लड़ना छोड़ देंगे । क्या सरकार इन गरीबों को अपना हक दिल पाएगी या नहीं यह विचार विमर्श जारी रहेगा।