समय की कीमत लगानी चाहिए। समय से जो नहीं चेत जाता है, बाद में कुछ नहीं होता
(उज्जैन) इस समय के महान समाज सुधारक सन्त बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि कोई भी उस प्रभु को पा सकता है, उसकी तरफ से कोई बंटवारा नहीं है। यह तो सब आदमी ने बनाया कि इस जाति के हैं, इस मजहब के हैं। उसने कोई बंटवारा नहीं किया, यह सब आदमी ने किया। आज कल तो जात-पात पर लड़ाइयां हो रही हैं, लोगों की जान चली जा रही है। सम्मान पाने में, कुर्सी पाने में, कुर्सी को बचाए रखने में, इसमें-उसमें कितनी बड़ी गलती लोग कर रहे हैं।
बाबाजी ने कहा, मैं तो यह चाहता हूं कि यह जो हो रहा है, तिफरके बाजी जो हो रही है, चाहे कौम की हो, चाहे जाति-समाज की हो, चाहे भाषा की तिफरकेबाजी हो, इसको तो इसी साल खत्म कर देना चाहिए 2025 में यह चीज न आवे। लेकिन अब वही चीज देखो बढ़ती चली जा रही है। कहा न कि -
हरि को भजे सो हर का होई।
जात-पात पूछे नहीं कोई ।।
उस प्रभु के यहां जात-पात का कोई चक्कर नहीं रहता है। उस प्रभु को तो कोई भी प्राप्त कर सकता है, सब के अंदर रास्ता है उस प्रभु के पाने का। आज तक जिसको मिला इसी घट में मिला।
अच्छी बात को बताना चाहिए, जिससे लोगों की भलाई हो
यह मनुष्य शरीर परमार्थ के लिए ही मिला है। खाते, पीते, बच्चे पैदा करते तो पशु-पक्षी भी हैं लेकिन मनुष्य परमार्थ के लिए ही पैदा हुआ है। इसलिए अच्छी बातों को लोगों की भलाई के लिए बताना ही चाहिए। जैसे पहले लोग महात्माओं के सतसंग में जाते थे, प्रसाद मिलता था, प्रसाद की बड़ी कीमत समझते थे लोग। प्रसाद से तकलीफ दूर होती है क्योंकि निमित्त बनता है प्रसाद। दया तो दूसरी जगह से जारी होती है लेकिन प्रसाद निमित्त बनता है। तो लोगों की अलग-अलग तरह की तकलीफें दूर होती थी तो वह दूसरे लोगों को बताते थे जिससे वे भी लाभ ले सकें। इसलिए अच्छी बातों को बताना चाहिए।
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नव वर्ष में आने का संकल्प बनाओ।
निज घर जाने, दर्शन पाने का मारग पाओ।।
सतगुरु द्वारे आओ- सुख शांति का पथ अपनाओ।
बाधा कष्ट मिटाओ।।
सतसंग व नामदान कार्यक्रम 30 व 31 दिसम्बर 2024, को दोपहर 2 बजे से और 1 जनवरी 2025, को प्रात: 6 बजे से स्थान:बाबा जयगुरुदेव आश्रम, जयगुरुदेव नगर, पिंगलेश्वर रेलवे स्टेशन के सामने, मक्सी रोड, उज्जैन, मध्य प्रदेश में समय परिस्थिति अनुकूल रहने पर पर होगा।
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