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पीएम के मन की बात, बैरसिया के श्रोताओं का दूरदर्शन के माध्यम से पूरे देश के चैनल्स में हुआ सीधा प्रसारण

 


बैरसिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनने के लिए रविवार को महावीर पैलेस में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में खासबात यह रही कि बैरसिया में आयोजित पीएम मोदी के मन की बात का सुनने वाले श्रोताओं का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया। दूरदर्शन के माध्यम से सभी नेशनल न्यूज़ चैनल्स में बैरसिया के श्रोताओं की झलक दिखती रही। कार्यक्रम में विधायक विष्णु खत्री, भाजपा प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ राघवेंद्र शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष केदार सिंह मंडलोई, नगर मंडल अध्यक्ष अंशुल आगर सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी के मन कि बात सुनी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 117वीं पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ की शुरुआत करते हुए देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 2025 अब नजदीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि  KTB यानि कृष, तृष और बाल्टीबॉय। आपको शायद पता होगा बच्चों की पसंदीदा एनिमेशन सीरीज और उसका नाम है KTB- भारत हैं हम और अब इसका दूसरा सीजन भी आ गया है। ये तीन एनिमेशन कैरेक्टर हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में बताते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। हाल ही में इसका सीजन-2 बड़े ही खास अंदाज में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिव ऑफ इंडिया, गोवा में लॉन्च हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आपको ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूं, जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। ये है कालाहांडी की 'सब्जी क्रांति'। जहां, कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे, वहीं आज, कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक एक सब्जी का हब बन गया है। यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई। इस समूह ने मिलकर एक FPO- 'किसान उत्पाद संघ' की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, और आज उनका ये FPO करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज 200 से अधिक किसान इस FPO से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं। ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं। अब इस FPO का सालाना टर्नओवर भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है। आज कालाहांडी की सब्जियां, न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि, दूसरे राज्यों में भी पहुंच रही हैं, और वहां का किसान, अब, आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है।

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