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सोमवार के पौष माह की अमावस्या है सोमवती अमावस्या/ प्रियंक कृष्ण शास्त्री सौजना वाले

 

सांचेत हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। पंडित प्रियंक कृष्ण शास्त्री सौजना बालों ने बतया 

सोमवती अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 30 दिसंबर को पौष अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन दान-पुण्य और गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। पौष माह में आने वाली अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। 

जब अमावस्या के दिन सोमवार हो तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है,ऐसे में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन पूजा-पाठ और दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और पितरों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए आदर्श माना गया है।

पौष माह की सोमवती अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, पितृ तर्पण और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शुभ अवसर है। यदि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और उपाय किए जाएं तो घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इस पावन अवसर का महत्व समझते हुए इसे पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाना चाहिए।


सोमवती अमावस्या 

सोमवती अमावस्या का महत्व

पितृ तर्पण और पिंडदान: सोमवती अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस दिन गंगा स्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शारीरिक एवं मानसिक शुद्धि होती है।

सुख-समृद्धि की प्राप्ति: भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

विवाह में बाधा दूर करना: जिन व्यक्तियों के विवाह में विलंब हो रहा हो, वे इस दिन विशेष उपाय करके समस्या का समाधान पा सकते हैं।


सोमवती अमावस्या 

पूजा और सुख-समृद्धि के उपाय

पीपल की पूजा: पीपल के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें और उसके चारों ओर 108 बार परिक्रमा करें।

शिव मंत्र का जाप: "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ सोमाय नमः" मंत्र का जाप 108 बार करें।

काले तिल का उपयोग: काले तिल का तर्पण करें और इसे नदी में प्रवाहित करें।

घी का दीपक जलाएं: घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

गरीबों की मदद करें: गरीबों को भोजन कराएं और वस्त्र दान करें।


सोमवती अमावस्या 

विशेष सावधानियां

इस दिन क्रोध और अहंकार से बचें।

घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

झूठ बोलने और किसी का अपमान करने से बचें।

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