पुरी से अरविन्द तिवारी.जगन्नाथपुरी .विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथयात्रा की पुरी शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज ने परंपरानुसार प्रथम दर्शन कर शुरुआत की। इसके बाद गजपति महाराज जी ने सोने की झाड़ू से रास्ता बुहारकर रथ को आगे बढ़ाया। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं का दर्शन किया और फिर रथों को खींचा गया।ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि तथा ‘हरि बोल’ के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा को शुरुआत हुई। दूसरे साल भी रथयात्रा में भक्तगण शामिल नहीं हो सके।
कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया गया
कोरोना संकटकाल के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार रथयात्रा केवल पुरी में सीमित दायरे में निकाली गई। पिछले साल की तरह इस साल भी रथयात्रा के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरा पालन किया गया। यात्रा के पहले ही जिला प्रशासन ने रविवार रात आठ बजे से दो दिन के लिये कर्फ्यू लागू कर दिया था। लोगों को घर और होटल की छत से भी रथयात्रा के कार्यक्रम को देखने की अनुमति नहीं दी गई थी। इस दौरान कम से कम 65 दस्तों की तैनाती की गई थी , प्रत्येक दस्ते में 30 जवान शामिल थे।